IND VS ENG: राजकोट टेस्ट से छंटे संशय के बादल, सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को 'सशर्त' दी अनुमति
नई दिल्ली।
भारत और इंग्लैंड के बीच पहले क्रिकेट टेस्ट मैच के आयोजन से संशय के बादल आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई राहत के बाद छंट गए। शीर्ष अदालत ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को उसके मैच खर्चे के लिए 58 लाख 66 हजार रुपये जारी करने की अनुमति दे दी। 
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने बीसीसीआई के वकील कपिल सिब्बल और मामले में न्यायमित्र गोपाल सुब्रमण्यम की दलीलें सुनने के बाद यह राशि जारी करने की मंगलवार को अनुमति दे दी। हालांकि खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि यह राशि किसी भी कीमत पर राज्य क्रिकेट संघ को नहीं दी जाएगी। राशि इस मैच से जुड़े वेंडरों को सीधे जारी की जाएगी। 
शीर्ष अदालत ने तीन दिसंबर तक होने वाले अन्य सभी मैचों के लिए भी यह राशि जारी करने की अनुमति दी। लेकिन यह स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित लोढा समिति इस खर्चे का ऑडिट कराएगी।
बीसीसीआई ने इससे पहले सुबह उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाते हुए कहा था कि यदि लोढा समिति फंड जारी करने पर लगाई गई रोक को नहीं हटाता है तो पहला टेस्ट रद्द करना पड़ सकता है। 
बीसीसीआई की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ''यदि फंड जारी नहीं किए जाते हैं तो बुधवार को टेस्ट नहीं कराया जा पाएगा।''
उच्चतम न्यायालय ने गत माह राज्य क्रिकेट संघों को फंड जारी करने से बीसीसीआई को मना कर दिया था। अदालत ने कहा था कि जब तक भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने पर अपना रूख साफ नहीं करते हैं यह फंड जारी नहीं किए जाएंगे। लेकिन दोपहर में सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई को मैच के लिए धन जारी करने की अनुमति दे दी। 
भारत और इंग्लैंड के बीच राजकोट में पहले टेस्ट का आयोजन सौराष्ट्र क्रिकेट संघ कर रहा है।

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