शैक्षिक समस्याओं पर क्रियात्मक शोध सम्पन्न।
डाइट में जिला शिक्षा अनुसंधाता वाकपीठ-डर्फ की तृतीय व अन्तिम बैठक आयोजित
जैसलमेर 
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट जैसलमेर के आईएफआईसी प्रभाग के तहत जिला शिक्षा अनुसंधाता वाकपीठ-डर्फ के तहत इस वर्ष 13 शैक्षिक समस्याओं के समाधान के लिए क्रियात्मक अनुसंधान किए गए हैं। दो अनुसंधान सर्व षिक्षा अभियान के लिए किए गए हैं।
डाइट के प्रधानाचार्य गजेन्द्र श्रीपत ने दिनांक 13 से 14 फरवरी तक आयोजित डर्फ की तृतीय व अन्तिम बैठक के समापन अवसर कहा कि कक्षा कक्ष एवं विद्यालय की शैक्षिक समस्याओं के समाधान के लिए क्रियात्मक अनुसंधान एक सटीक व वैज्ञानिक तकनीक है। नवाचार के रूप में क्रियात्मक अनुसंधान को वर्तमान समय में प्रमुख स्थान प्राप्त है। उन्होंने शोधार्थी शिक्षकों का आह्वान किया कि गम्भीरता पूर्वक किए गए क्रियात्मक अनुसंधान कभी समाप्त नहीं होते है। उन्होंने कहा कि षिक्षकों नें षैक्षिक समस्याओं का हल अपने स्तर पर स्वयं ढूंढें हैं। उन्होंने षोधार्थी षिक्षकों की शैक्षिक शोध के प्रति एकाग्रता ओर समर्पण की भावना की सराहना की। 
डाइट के आईएफआईसी प्रभागाध्यक्ष एवं शोध प्रभारी वरिष्ठ व्याख्याता हरिवल्लभ बोहरा ने बताया कि जिला शिक्षा अनुसंधाता वाकपीठ-डर्फ की प्रथम बैठक दिनांक 13 से 15 अक्टूबर तक, द्वितीय बैठक 14 0 15 नवम्बर तक तथा तृतीय व अन्तिम बैठक 13व 14 फरवरी तक डाइट में आयोजित की गई। इन बैठकों में भाग लेने के लिए पंजीकृत 15 अध्यापकों में से 15 उपस्थित हुए।
पावर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन से की गई चर्चाएं
बोहरा ने बताया कि बैठकों में क्रियात्मक अनुसंधान विषय पर एनसीईआरटी नई दिल्ली व एसआईईआरटी उदयपुर के शोध विशेषज्ञों द्वारा तैयार सामग्री का डाइट की कम्पयूटर लैब में पावर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन कर विषय व तकनीक पर समझ विकसित की गई। इस विषय में मुम्बई विश्वविद्यालय की शोध विशेषज्ञ डॉ. मधु केसकर की पीपीपी काफी लाभप्रद रही जिसे सम्भागियों ने भी सराहा। क्रियात्मक अनुसंधान विषय पर शैक्षिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग से समझ एवं अवधारणा के विकास को भी बल मिला।
शोधार्थियों में दो तिहाई महिलाएं 
डाइट के शोध प्रभारी बोहरा ने बताया कि जैसलमेर की जिला शिक्षा अनुसंधाता वाकपीठ-डर्फ के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी एक वर्ष में पंजीकृत शोधार्थियों में से दो तिहाई महिला शिक्षिकाएं हैं। इस वर्ष डर्फ में पंजीकृत 15 सदस्यों में 10 महिला अध्यापिकाएं हैं। इन 15 सदस्यों में से 4 माध्यमिक शिक्षा विभाग के, 9 प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के तथा 2 सदस्य सर्व शिक्षा अभियान के कार्मिक हैं।

ये हैं इस वर्ष के षैक्षिक अनुसंधाता 
सुधा चौधरी - बासनपीर , श्रीमती रोशनआरा-बैलदारों की ढाणी ,श्रीमती रजनी गोपा - बरमसर , श्रीमती सुधा बिस्सा - भागू का गांव , श्रीमती माया भाटी - नरसिंहों की ढाणी , श्रीमती मीना महेचा - सोढाकोर ,देवराम - रामगढ , रामावतार बैरवा - सेउवा , बागाराम - कोटडी , श्रीमती सुशीला परिहार - जैसलमेर , श्रीमती विद्या शर्मा - जैसलमेर , श्रीमती श्यामा आचार्य - चांधन , विनोद छांगाणी - लाठी, श्रीमती रेखा व्यास व मालाराम - सर्व शिक्षा जैसलमेर।
इन विषयों पर हुआ क्रियात्मक अनुसंधान
अल्प संख्यंक वर्ग की बालिकाएं , मिड डे मील , विशेष आवश्यकता वाले बालक- बालिका , मानचित्रा अंकन में शुद्धता , विज्ञान विषय में प्रयोग , श्रुतलेख सुधार , वर्तनी सुधार , उच्चारण सुधार , गणित विशय षिक्षण सुधार, हिन्दी के मानक उच्चारण में दक्षता , मौसमी अनुपस्थिति , अपराह्न पश्चात अनुपस्थिति की समस्या आदि।
पुस्तक के रूप में होगा प्रकाषन
जिला अनुसंधाता वाक्पीठ के तहत् समस्त 15 क्रियात्मक अनुसंधानों का षोध प्रतिवेदन व षोध सार लेखन का कार्य पूर्ण हो चुका है। डाइट के प्रभाग स्तरीय षोधों के साथ क्रियात्मक अनुसंधान के षोध सार पुस्तक रूप में प्रकाषित किए जाकर विद्याालयों में वितरित किए जाएंगें ताकि अन्य संस्थानों को भी इनका लाभ मिल सके व आगामी वर्शों में अन्य षोधार्थी भी क्रियात्मक अनुसंधान से जुड सकें।

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