बाल विवाह रोकथाम के पुख्ता प्रबन्ध 

बाडमेर
जिले में अक्षय तृतीया अथवा आखातीज के मौके पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबन्ध किए गए है। इस सामाजिक कुरीति के विरूद्ध समझाईश तथा कानूनी प्रावधानों के व्यापक प्रचार प्रसार पर जोर दिया गया है। साथ ही किसी क्षेत्र में बाल विवाह होने पर इस संबंधित क्षेत्र में कार्यरत सरकारी कार्मिकों की जिम्मेदारी तय कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस बार आखातीज 24 अप्रेल को मनायी जाएगी तथा जिले में जिला कलेक्टर की तरफ से इस मौके पर स्थानीय अवकाश भी घोषित किया गया है। 
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह को रोकने के लिए ग्राम स्तर पर कार्यरत ग्राम सेवक, अध्यापक, पटवारी, भू0अ0 निरीक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, बीट कानिस्टेबलों की जिम्मेवारी रहेगी कि वे उनके क्षेत्र में उक्त पर्व पर आयोजित होने वाले बाल विवाह होने का अंदेशा होने पर तत्काल नजदीक के पुूलिस स्टेशन पर उक्त विवाह की सूचना उपलब्ध करावे ऐसा नहीं करने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। 
उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिशोध अधिनियम के अन्तर्गत सभी उपखण्ड अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी बनाया गया है, जो बाल विवाह रोकने के संबंध में कोई शिकायत अथवा सूचना प्राप्त होने पर संबंधित दोशी व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे। उन्होंने बताया कि बाल विवाह को संज्ञेय अपराध मानकर संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट तथा पुलिस दोशी व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करेंगी। उन्होंने समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट्स को निर्देश दिए है कि वे अधिनियम के तहत कार्यवाही करें तथा अधिनस्थ तहसीलदार, थानाधिकारी को मौके पर भेजकर बाल विवाह रोकने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। 
डॉ. प्रधान ने बताया कि अक्षय तृतीया के पर्व पर विशोष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाहों के आयोजन की आशंका रहती है। उन्होने संबंधित अधिकारियों को अक्षय तृतीया के अवसर पर जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बाल विवाह को रोकने के लिए अभियान चलाया जाकर तहसील व गांव स्तर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दायित्व सौपने तथा घरघर, गांवगांव में बाल विवाह रोकने का सन्देश पहुंचाने तथा जन चेतना जागृत करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है । 
जिला कलेक्टर ने बाल विवाह प्रतिशोध अधिनियम 2006 के प्रावधनों की आम जनता को जानकारी प्रदान करने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार के माध्यम से जन जागृति उत्पन्न करके बाल विवाह की रोकथान हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। जिला मजिस्ट्रेट ने जिले के उपखण्ड मजिस्ट्रेट्ों को अक्षय तृतीया के पर्व पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम हेतु अपने अधिनस्थ सभी तहसीलदारों, भू अभिलेख निरीक्षकों व पटवारियों को निर्दोिर्त करने तथा उनके कार्यालय में नियन्त्रण कक्ष स्थापित कर 24 घण्टे कार्यशील रखने के निर्देश दिए है। उन्होने बताया कि नियन्त्रण कक्ष में पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायत राज विभाग की सहभगिता ली जाए।

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