शिक्षक की जीत, मानवता की जीत- रोलसाहबसर
शिक्षक दीपावली स्नेह मिलन समारोह आयोजित, क्षत्रिय युवक संघ प्रमुख के साथ जिले भर के सैकड़ो शिक्षको के साथ शिक्षक शिक्षा व शिक्षार्थी मुद्दो पर हुआ संवाद।
बाड़मेर 
बालक जब सिखता नही है तो षिक्षक का तपोबल स्वयं ढीला पड़ जाता है, मानवता की आवाज को जब विवष किया जाता है तब अपने आप को बदलने का प्रयास करना चाहिए षिक्षण कार्य में दुसरो को तरासना सबसे कठिन कार्य है साथ ही दुख का कारण अपेक्षा है साथ ही बुराईयो का नाष ही धर्म की स्थापना करने का कार्य है जब जब षिक्षक की जीत हुई है तब तब मानवता की जीत हुई है यह उदगार श्री क्षत्रिय युवक संघ प्रमुख भगवान सिंह रोलसाहबसर ने मगंलवार को भारतीय ग्राम्य आलोकायन आश्रम में दीपावली षिक्षक स्नेह मिलन समारोह में देते हुए जिले भर के षिक्षको को दीपावली पर्व की शुभकामनाओ के साथ दिये इस दौरान रोलसाहबसर ने षिक्षको से षिक्षक षिक्षा व षिक्षार्थी मुद्दो पर खुले मंच से संवाद किया। 
साथ ही रोलसाबसर ने षिक्षक को छात्र के प्रति समभाव रखने की प्रेरणा देते हुए कहा कि द्वापर काल के गुरू द्रोणाचार्य की तरह न तो जाति देख कर षिष्य के योग्य होने पर श्रेष्ठ न हो जाये इसलिए अगुठा मांगना और कर्ण को क्षत्रिय पुत्र न होने का कहकर ज्ञान से वंिवत रखना आप लोगो का ऐसा आदर्ष नही होना चाहिए षिक्षक के पास विधा रूपी अमुल्य धन है जो उसे वर्तमान भविष्य और भुतकाल तीनो में श्रेष्ठता प्रदान करता रहेगा भारत आप जैसे षिक्षको के समर्पण से खोये हुए विष्व गुरू के ताज को पुन हासिल कर सके षिक्षक को सदैव षिक्षार्थी बन कर ज्ञानर्जन करते रहना चाहिए।
आज का षिक्षक जिसको लोग सरकार का नौकर समझते है वह नौकर नही कर्मचारी है जो सदैव अपने कर्म को षिक्षण के क्षैत्र मे रत रखता है।
समारोह का आगाज कृष्णसिंह राणीगांव की और से गणपती स्तुति व मांगुसिंह विषाला की और से सहगान मग भुल गया के गायन से किया गया।
इन्होने रखे विचार- 
षिक्षक षिक्षा व षिक्षार्थी मुद्दो को लेकर आयोजित समारोह मे कमलसिंह राणीगांव, छगनंिसह लूणू, बालसिंह राठौड़, घमण्डाराम कड़वासरा, नूतनपुरी गोस्वामी, अमरसिंह गोदारा, अर्जुन तंवर, महेष दादाणी, अषोकसिंह राजपुरोहित, ईष्वरसिंह नरेष जागिड़, दषरथ कुमार गर्ग, रूपसिंह जाखड़, उदयसिंह भवरलाई ने भी विचार रखे साथ ही सत्यनारायण गुप्ता ने प्रेरणा गीत हो जाओ तैयार साथियो की प्रस्तुती दी।
स्वरूचि भोज का प्राकृतिक छटा में लिया आन्नद- समारोह के दो सत्र पष्चात जिले भर से आये षिक्षको ने आलोकायन आश्रम मे पहाड़ी व रेगिस्तानी मिट्टी के बीच प्राकृतिक छटा में आश्रम स्थित कुटिया मे एक जाजम पर बैैठ कर स्वरूचि भोज का आन्नद लिया।
सद् साहित्य का हुआ वितरण
समारोह के समापन पर विदाई की वेला में समस्त षिक्षको को यथार्थ गीता सहित तनसिंह जी के साहित्य का वितरण भी किया गया।
समारोह के सफल आयोजन व सहयोग पर षिक्षक नेता शेरसिंह भुरटिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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