नियमित योग अभ्यास से मधुमेह रोग से मुक्ति संभव
बाड़मेर 
योग एवं मधुमेह पर राष्ट्रीय जागरूकता कार्यक्रम-2016 के अन्तर्गत आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद्, एवं श्रीमती फूसीेदेवी योगा एण्ड नैचुरोपैथी संस्थान, के संयुक्त तत्वाधान में योग एवं मधुमेह पर राष्ट्रीय जागरूकता कार्यक्रम 02 अक्टूबर रविवार को जिले में महाराजा पब्लिक स्कूल, आदर्ष विद्यामन्दिर, बाड़मेर, सावरिया छात्रावास, आनन्द विद्यामन्दिर, सहित अलग-अलग स्थानों पर किया गया। सभी कार्यक्रमों में योग से मधुमेह रोग बचाव व रोग को ठीक करने के लिए अभ्यास करवाया गया। और नियमित योग व प्राकृतिक आहार के बारे भी जानकारी दी गई । इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. देवाराम काकड़ ने बाताया कि मधुमेह का रोग शताब्दियों पूर्व भी होता था, किन्तु आज यह विश्व के समृद्ध और विकसित कहे जाने वाले देशों में बहुतायत से होने वाला रोग हो गया हैं। इसका कारण यह है कि आधुनिक तकनीकी उपलब्धियों ने समृद्धि और मानसिक तनावों को बढावा दिया हैं। लोगो के पास कड़ी मेहनत के काम नही होने के कारण यह रोग निरन्तर वृद्धि कर रहा हैं वर्तमान में अपने देश में 5 करोड़ से भी अधिक लेागांें में यह रोग फैल चुका हैं। इस रोग के कारण व्यक्ति का शरीर अनेकों रोगों का शिकार हो जाता हैं। वर्तमान समय में यह रोग बहुत तेजी से और कम आयु के लोगो में भी फैल रहा हैं। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में मधुमेह का अब तक कोई निश्चित उपचार नहीं मिला हैं। चिकित्सा विज्ञान का उपचार प्रतिदिन इन्सुलिन तथा अन्य दवाओं के प्रयोग तक ही सीमित रह गया हैं। इससे मधुमेह की जड़ को नहीं उखाड़ा जा सकता, इस लिए पूरे विश्व में मधुमेह रोग का केवल एक ही उपचार है भारतीय चिकित्सा पद्धति यानि योग व प्राकृतिक चिकित्सा के नियमित अभ्यास व आहार चर्या के माध्य से ही बचा जा सकता हैं। आने वाले समय मे मानव हित के लिए इस रोग से बाचव अतिआवश्यक हैं इस लिए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आज दो अक्टूबर को पूरे देश में यह ‘‘योग एवं मधुमेह पर राष्ट्रीय जागरूकता कार्यक्रम’’ आयोजित किया जा रहा हैं। 
योग अभ्यास के पश्चात् वक्ताओ ने भी अपने विचार रखे और स्वदेषी जागरण मंच के भागीरथ चौधरी एवं सुरेन्द्र वर्मा ने संतुलित आहार पर जानकारी देते हुए बताया कि अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार बहुत आवश्यक हैं क्योंकि व्यक्ति अनियमित भोजन करने से बीमार होता हैं यदि ऋतु के अनुसार नियमित दिनचर्या के अनुसार भोजन करते हैं तो व्यक्ति के बीमार होने की संभावना बहुत ही कम होती हैं। इसलिए व्यक्ति को प्रकृति के अनुसार जीवन यापन करना चाहिए ताकि घातक बीमारियों से बचाव किया जा सके।
संस्थान के योग शिक्षक सुरेन्द्र वर्मा ने बताया कि केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा परिषद्, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के दिशानिर्देशा अनुसार संस्थान द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरा प्रयास किया गया। कार्यक्रम प्रभारी भजन विष्नोई ने सभी सहभागीयों से निवेदन किया कि आज से मधुमेह रोग के बचाव व उपचार का नियमित अभ्यास करे। ऐसी अपेक्षा रखते हैं। 

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