बाड़मेर का लाल खेताराम आज दौड़ेगा रियो ट्रेक पर
खोखसर (बाड़मेर)।
ओलम्पिक खेल शुरू होने के 120 वर्ष बाद पहली बार बाड़मेर ने ओलम्पिक में दस्तक दी है। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के ओलम्पिक ट्रेक पर बाड़मेर के खोखसर पूर्व निवासी सर्विसेज (सेना) का मैराथन धावक खेताराम दौड़ेगा।
मेराथन धावक खेताराम की संघर्ष की कहानी भी मिल्खासिंह से कम नहीं है। कभी खेतों में पसीना बहाने वाला खेताराम अब ओलम्पिक के ट्रेक पर दौड़ेगा। ढाणी के सरकारी स्कूल में पढ़ा, घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर पिता के साथ खेतों में पसीना बहाया, पाई-पाई जोड़कर अभ्यास की सामग्री जुटाई और धोरों में दौड़ कर अभ्यास किया। उपखंड मुख्यालय बायतु से 70 किलोमीटर दूर खोखसर पूर्व ग्राम पंचायत के सियागों का तला में है ओलम्पिक के लिए चयनित खेताराम की ढाणी (घर)। खोखसर पूर्व गांव से खेताराम की ढाणी तीन किलोमीटर दूर है।

बचपन से खेलों में रूचि

खेताराम की बचपन से ही खेलों में रुचि रही। वर्ष1998 में उसने जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लिया और अव्वल रहा। उस दौरान वह कक्षा 7 में पढ़ रहा था। इसके बाद वर्ष 2002 में उसने राष्ट्रीय स्तर पर 3000 मीटर दौड़ में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2004 में खेताराम सेना में भर्ती हो गया। यहीं से उसके खेल में निखार आना शुरू हुआ।

खेतों में दौड़ से शुरुआत

खेताराम के खेल जीवन की अधिकृत शुरुआत तो विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिताओं से हुई, लेकिन वास्तविक शुरुआत बचपन में खेतों में नंगे पांव दौडऩे के साथ ही हो गई थी। परन्तु यह कोई नहीं जानता था कि खेतों से शुरू हुई यह दौड़ एक दिन ओलिम्पिक तक पहुंच जाएगी। किसान राणाराम व जेठीदेवी की पांच संतानों में सबसे बड़े खेताराम ने एक बार दौडऩे के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यही वजह है कि धोरों में अभावों में पला-बढ़ा यह जांबाज फौजी दुनिया के सबसे बड़े खेल महोत्सव (ओलम्पिक) में भाग ले रहा है।

12 साल से सेना में

वर्ष 2004 में खेताराम सेना में भर्ती हो गया। यहीं से उसके खेल में निखार आना शुरू हुआ। इसके बाद उसने नियमित अभ्यास किया और इसी का नतीजा है कि कल वह मैराथन में दौड़ेगा।

ढाणियों में पढ़ा हमारा धावक

खेताराम के पिता की माली हालत ऐसी नहीं थी कि उसे शहर में पढऩे के लिए भेज सके। ऐसे में उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। दसवीं तक खेताराम खोखसर में ही पढ़े। इसके बाद 11वीं सवाऊ पदमसिंह स्थित सरकारी हाई स्कूल एवं 12वीं हीरा की ढाणी हाई स्कूल से पास की।

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