’’मां’’ कार्यक्रम 29 से होगा प्रारंभ 
बाड़मेर 
शिशु मृत्यु दर को कम करने एवं शिशु आहार स्तर को सुदृढ़ कर कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से ’’मां’’ (मदर्स एब्सल्यूएट एफेक्शन) कार्यक्रम 29 अगस्त से जिलें में प्रारंभ किया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सुनील कुमार सिंह बिष्ट ने बताया कि 6 माह तक केवल स्तनपान एवं 5 वर्ष तक मां के दूध के साथ-साथ पोषक आहार पर ध्यान देकर शिशु मृत्यु में कमी लायी जा सकती है। जन्मते ही बच्चों के लिए मां का दूध सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने बताया कि दस्त व निमोनिया 5 वर्ष से छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण है। मां के दूध पिलाने से शिशुओं में दस्त रोग से मृत्यु होने की संभावना 11 प्रतिशत व निमोनिया से 15 प्रतिशत तक कम हो जाती है। स्तनपान से कुपोषण से होने वाली मौतौं से बचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ’’माँ’’ कार्यक्रम में स्तनपान व शिशु आहार के संरक्षण के लिए सामुदायिक स्तर एवं चिकित्सा केन्द्र स्तर पर व्यापक वातावरण विकसित किया गया है। स्तनपान के महत्व को बढ़ाने के लिए आशा सहयोगिनियों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के सहयोग से गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं उनके परिजनों सहित जनसमुदाय को स्तनपान के महत्व के बारे में जानकारी दी जायेगी। 
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मौसमी बीमारियों में बुखार के रोगियों के आंकड़ों की हो नियमित समीक्षा 
बाड़मेर। मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से बुखार, खांसी व मलेरिया के रोगियों की संख्या बढ़ने पर चिकित्सा स्तर पर नियमित समीक्षा की जाये। मौसमी बीमारी प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा विभाग की टीम दौरा कर मच्छर पनपने वाले स्थानों पर दवाओं का छिड़काव करावें। मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एसके सिंह ने बताया कि मौसमी बीमारियों में मरीज को दवा के साथ बचाव करने के उपाय बताने पर भी जोर दिया जाये। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने क्षेत्रों में नियमित दौरा कर मौसमी बीमारी से प्रभावित क्षेत्रों की सर्वे रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारी प्रभावित क्षेत्रों में समय पूर्व आवष्यक तैयारी नहीं होने पर संबंधित कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। 
उन्होंने बताया कि जिले के सभी ब्लाॅक के ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भी मौसमी बीमारियों को लेकर हर सप्ताह बैठक कर प्रभावी योजना बनाने के निर्देष दिये है। ब्लाॅक से हर दिन की रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भेजने के निर्देष दिये गये हैं।

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