न्यू सिंगल विंडो पोर्टल का उद्योग मंत्री द्वारा शुभारंभ
जयपुर।
उद्योग भवन में बुधवार को राजस्थान सरकार के सूचना प्रोद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा तैयार ’’न्यू सिंगल विंडो पोर्टल’’ का शुभारंभ उद्योग मंत्री, गजेन्द्र सिंह खींवसर ने किया। 
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि न्यू सिंगल विंडो सिस्टम से राज्य में औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा। यह सिस्टम अब पूर्णतया ऑनलाइन(http.//swcs.rajasthan.gov.in) है, जिससे निवेशकों को आवेदन, भुगतान, स्टेट्स ट्रेकिंग, स्वीकृति एवं प्रमाण पत्र प्राप्त करने जैसी सुविधाएं मिलेगी। सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी राजीव गुजराल ने उद्योग मंत्री गजेन्द्र सिंह, प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता एवं राजीव स्वरूप की उपस्थिति में न्यू सिंगल विंडो सिस्टम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके लिए ’सिंगल विंडो (संशोधन) नियम 2016’ (Single Window Amendment Rules 2016) 24 मई 2016 को गजट जारी किया गया था। उल्लेखनीय है कि रिसर्जेंट राजस्थान के पश्चात्, दिसंबर माह में प्रमुख शासन सचिव उद्योग, श्रीमती वीनू गुप्ता द्वारा ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ को निवेशकों के लिए और अधिक अनुकूल बनाने के लिए संशोधित करने एवं पूर्णतयाः ऑनलाइन करने के निर्देश दिये गये थे। नये सिस्टम में उन 11 विभागों एवं निगमों को सम्मिलित किया गया है जो किसी भी परियोजना की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये विभाग हैं - श्रम, फैक्ट्रीज एवं बॉयलर्स, रीको, ऊर्जा, राजस्व, पर्यटन, स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन, पीएचईडी, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल (आरएसपीसीबी) और उद्योग विभाग। इससे पूर्व, इस प्रणाली मेंकेवल 8 विभाग ही शामिल थे। ये विभाग निवेशकों द्वारा उद्योग स्थापना के लिए 47 सेवाएं प्रदान करेंगे।अब निवेशक को उपरोक्त 11 विभागों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। नये सिस्टम में अब प्रदूषण नियंत्रण मण्डल भी ’न्यू सिंगल विंडो सिस्टम’ का एक भाग है, जो परियोजनाओं की शीघ्र मंजूरी में निर्णायक भूमिका निभाएगा। निवेशकों के पास ऑनलाइन आवेदनों की जानकारी एवं स्थिति जानने के लिए एक आईडी एवं पासवर्ड के साथ-साथ ‘पर्सनल डेशबोर्ड‘ भी होगा।उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित ‘शिकायत निवारण प्रकोष्ठ‘(इन्वेस्टर ग्रीवन्स सैल) इस सिस्टम की प्रमुख विशेषता होगी। यह सैल समयबद्ध तरीके से निवेशकों की शिकायतों से संबंधित प्रकरणों का समाधान करेगी। पोर्टल पर इन 47 सेवाओं से संबंधित शिकायतें भी ऑनलाइन दर्ज कराई जा सकेगी। इसके अतिरिक्त एक टोल फ्री हेल्पलाइन 1800 180 6127 भी उपलब्ध है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित ‘स्टेट एम्पावर्ड कमेटी‘ निवेशकों की समयबद्ध तरीके से स्वीकृतियां जारी करने एवं शिकायतों के निवारण की निगरानी करेगी। 

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