बाल विवाह रोकथाम हेतु जागरुकता वाहन किया रवाना
बाड़मेर 
बाल विवाह पश्चिम राजस्थान की एक ज्वलंत समस्या है। बाल विवाह का मूल कारण समाज में अशिक्षा एवं गरीबी है। हालांकि साक्षरता की दर के बढने के साथ साथ बाल विवाह में कमी की दर बढ रही है, फिर भी वाछित सफलता प्राप्त नही हो रही है। समाज के बुजुर्गां के अनुसार बाल विवाह सामाजिक परम्पराओं से भी जुड़ी हुई है अतः निदान में समय और लग सकता है।
बाल विवाह को रोकथाम हेतु जिला प्रशासन काफी सजग है एवं जागरुकता हेतु कई कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे है। इसी क्रम केयर इण्डिया एवं केयर्न इण्डिया द्वारा संचालित रचना परियोजना, जिला क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय जिला प्रशासन के सहयोग से समुदाय में जागरुकता हेतु जागरुकता वाहन के माध्यम से बाल विवाह रोकथाम में सहायता प्रदान कर रही है।
इस जागरुकता वाहन को जिला प्रमुख प्रियन्का मेघवाल ने हरी झण्डी दिसखाकर रवाना करते हुए कहा की बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है। इसके कारण समाज की प्रगति अवरुद्ध हो जाती है। इसे रोकने में सभी नागरिकों को अपनी भूमिका निभानी होगी।
क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय के नरेन्द्र तनसुखानी ने बताया की इस जागरुकता वाहन के साथ साथ गावों में जागरुकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। जिससे सन्देशों का प्रभावी सम्प्रेषण होगा।
रचना परियोजना के परियोजना अधिकारी संजय ठाकर ने बताया की यह जागरुकता वाहन बाड़मेर, सिणधरी एवं गुड़ामालानी के करीब पच्चास से अधिक पंचायतों में बाल विवाह के दुःपरिणामों का प्रचार प्रसार करेगा।

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