बाड़मेर सात समंदर पार दिखेगा हमारा जल प्रबन्धन
फ़्रांस से दल पहुचा आरओ प्लांट की कवरेज करने
-पानी के प्रबन्धन पर बनेगी फ़िल्म
बाड़मेर
खारे पानी की वजह से मुल्क भर में पहचान बना चुके बाड़मेर की तस्वीर अब यहाँ लग रहे आरओ प्लांट बदल रहे है।कार्ड से शुद्ध पानी और पानी का सुकाल अब बदलते बाड़मेर की तस्वीर है जिसकी चर्चा देश ही नही सात समन्दर पार तक है और यही वजह है कि फ़्रांस का एक दल बाड़मेर के जल प्रबन्धन को कवर करने बाड़मेर पहुचा। फ़्रांस 24 चैनल से बैंजो और सूयश अपनी आने वाली फ़िल्म के लिए बाड़मेर पहुचे। जलदाय विभाग और केयर्न इण्डिया की तरफ से जिले में चल रहे आरओ प्लांट में जल प्रबन्धन और समुदाय के उत्साहित परिणामों से भी रूबरू हुए। बाड़मेर शहर के अलावा इस दल ने भीमड़ा,कवास,सवाऊ पदम् सिंह में भी लोगो से बात की। सीसीडीयू के आईईसी इकाई से भी वर्तमान में हुए बदलाव को लेकर चर्चा की ।केयर्न इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि राजस्थान सरकार के साथ चल रही स्वच्छ जल परियोजना के बारे में देश विदेश के विशेषज्ञों में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। ये प्रोजेक्ट देश में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है जो पूरे बाड़मेर में लागू होगा। फ़्रांस 24 चैनल के दौरे के दौरान अयोध्या प्रसाद गौड़ उप महाप्रबंधक केयर्न इंडिया, ध्रुवनारायण मुखर्जी प्रबंधक सीएसआर केयर्न इंडिया, डॉ उमा बिहारी ,भानु प्रताप सिंह और सीसीडीयू के आईईसी कन्सलटेंट अशोक सिंह राजपुरोहित मौजूद थे।
लातूर से बाड़मेर की तुलना
पानी की वजह बीते दिनों दुनिया भर में पानी की कमी का भयावह चेहरा पेश करने वाले लातूर की तुलना बाड़मेर से की जाएगी। जानकारी के मुताबित फ़्रांस 24 चैनल से बैंजो और सूयश अपनी आने वाली फ़िल्म में दुनिया के सामने यह रखने वाले है की किस तरह भारत में बड़े शहरों में पानी की स्थिति खराब हो गई है लेकिन बाड़मेर जैसे जिले जो की रेगिस्तानी इलाका होने के बावजूद पेयजल के लिए अपनी सम्पन्नता बनाए हुए है। यहाँ सरकार ,प्रशासन और कम्पनियो द्वारा छोटी छोटी इकाइयों के रूप में किया गया जल प्रबंधन ही फिल्म का मुख्य आधार होगा।बाड़मेर के आरओ प्लांट योजना की तारीफे इससे पहले बीबीसी लंदन और द गल्फ़ पोस्ट भी कर चूका है। 

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