बाड़मेर चुप्पी की परंपरा तोड़े, खुलकर बात करें-मेघवाल
बाड़मेर।
माहवारी सभी किशोरियों एवं महिलाओं के लिये एक सामान्य प्रक्रिया है, फिर भी अभी भी इस विषय पर खुलकर बातचीत नही होती है। माहवारी के दौरान साफ सफाई एवं पूर्ण स्वच्छता न होने के कारण किशोरियों एवं महिलाओं को कई गंभीर बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है। 
विश्व माहवारी दिवस पर जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र बाड़मेर में केयर इण्डिया एवं केयर्न इण्डिया लिमिटेड की ओर से संचालित रचना परियोजना एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति होने के बावजूद अभी भी मासिक धर्म एक वर्ज्य विषय है जिनमें मिथकों के कारण महिलाओं का जीवन कई सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहलूओं से घिरा रहता है। इस कारण यह वर्ग खुलकर इस विषय पर बातचीत नही करता है। समस्याऐं गंभीर हो उससे पूर्व चुप्पी की परम्परा को तोड़ते हुए इस विषय पर खुलकर बातचीत करें इससे बीमारियों का निदान सही समय पर हो सकता है।
रचना परियोजना के परियोजना प्रबन्धक दिलीप सरवटे ने रचना परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि माहवारी विषय पर पुरुष वर्ग को संवेदनशील बनना होगा साथ ही यह समझना होगा कि यह प्रकृति प्रदत्त प्रक्रिया है। माहवारी के दौरान किशोरियों में शारीरिक एवं भावनात्मक परिवर्तन भी होते है। अतः विषय की नाजुकता को समझ कर महिलाओं एवं किशोरियों को भावनात्मक समर्थन देते हुए जिम्मेदार पारिवारिक सदस्य बनना चाहिए। राजकीय चिकित्सालय, बाड़मेर की महिला रोग विशेषज्ञ डा. श्रद्धा ने बताया कि माहवारी को सामान्यतः मासिक चक्र या कपड़ा आना कहते है। यह 10 से 16 वर्षा के बीच कभी भी प्रारम्भ हो सकती है। इस दौरान दैनिक कार्य सामान्य रुप से करते हुए नियमित रुप से स्नान करें एवं स्वयं को साफ सुथरा रखें। इस समय स्वच्छता को प्रबन्धन अत्यन्त आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग के आशा समन्वयक राकेश भाटी ने उपस्थित नर्सिग विधार्थी एवं आशा सहयोगिनियों को बताया कि स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण धूरी होने के कारण आप लोगों की जिम्मेदारी और भी बढ जाती है। गृह सम्पर्क एवं व्यक्तिगत सम्पर्क के दौरान परिवार को माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन पर जानकारी अवश्यक प्रदान करें। महिला अधिकारिता विभाग के कार्यक्रम अधिकारी अशोक गोयल ने कहा कि परिवार में किशोर किशोरियों में भेद न कर किशोरियों को उसके समस्त मौलिक अधिकार प्रदान करें। कार्यक्रम को केयर्न इण्डिया लिमिटेड की शान्ति चौधरी एवं रचना परियोजना की सुशीला जाखड़ ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में प्रशोन्तरी का आयोजन कर विजेताओं को पुरुस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम में डब्लू.एच.ओ. से डा संघमित्रा, स्वास्थ्य विभाग से जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डा. पंकज खुराना, कालू शर्मा, गोपाल केयर्न इण्डिया लिमिटेड से तुषार, रचना परियोजना से संजय ठाकर, सुभाष राय, मांगीलाल, गुमानसिंह, सहित 250 से ज्यादा नर्सिग प्रशिक्षार्थी एवं किशोरियों सहित बाड़मेर की आशा सहयोगिनिया उपस्थित रही।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top