राजस्थान में सुखा के निजात हेतु नदियों केा नदियों से जोडने व सरस्वती नदी पर येाजना बनाना जरूरी है-कर्नल सोनाराम चौधरी 
बाड़मेर 
लोकसभा सांसद कर्नल सेानाराम चौधरी ने बुधवार केा संसद में नियम 193 के तहत सुखा एवं उससे निजात के उपाय विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि इस विषय पर कई बार पॉलिसी और कमेटि भी बनी है। केन्द्र एवं राज्य सरकारे अपने- अपने तरीके से कार्य भी कर रही है। परन्तु डिजार्ड रीजल्ट नहीं मिल पा रहे है। सुखा से निपटने के लिए हमको वार फुटिंग पर कार्य करना होगा।यदि मैं मेरे संसदीय क्षेत्र के बारे में आंकडे बताऊ तो आप हैरान रह जायेगे। पष्चिमी राजस्थान जो थार कहलाता है। इस मुद्दे को सांसद कर्नल सेानाराम चैधरी ने बुधवार को उठाया और संसद में रखा। 
सांसद के निजी प्रवक्ता अरुण पुरोहित ने बताया की सांसद कर्नल सेानाराम चौधरी ने कहा की देष आजादी के 60 सालों में से 40 साल अकाल रहा हैं। जिसमें गत 10 सालों में से 8 साल रहा हैं। इस साल 2015-16 में राजस्थान के 31 जिला में से 19 जिला में अकाल है। जिनमें से बाडमेर एवं जैसलमेर भी है। नतीजा यह है कि प्राणियों के लिए पीने के पानी की कमी है। पषुओं के लिए चारा नहीं है। हम इस समस्या को झेलले के आदि हो गये है। इससे किसानों की हालत खराब है। मेरे संसदीय क्षेत्र में आने वाले दोनों जिले बाडमेर एवं जैसलमेर सुखा से पिडीत है। राजस्थान सरकार ने अकाल से निपटने के लिए भारत सरकार से मांग 10400 करोड परन्तु अभी तक 1100 करोड रूपये ही मिले है। बाकी कि राषि जल्दी मिलनी चाहिऐ। पंानी और चारे कि मेरे दोनो जिलों में दिक्कत है। इसके लिये अन्य राज्यों या जिलों से चारा मंगवाना पडता है। और पानी के लिए पानी टेंकर हायर करने पडते है। इसके लिये Calamity Relief Fund भारत सरकार से मिलते है। अभी तक 1100 करोड .मिली और मानसुन तक 10400 करोडराषि चाहिये। जल्द मिलनी चाहिये। सुखे पानी की कमी चारे की कमी के बारे में भारत सरकार ने एवं टीम भेजी है। और उसका आंकलन कर लिया गया है। अतः भारत सरकार इसके लिये राषि का भुगतान करे।
सांसद के निजी प्रवक्ता अरुण पुरोहित ने बताया की सांसद कर्नल सेानाराम चौधरी ने कहा की यदि भारत सरकार जिनके क्लदंउपब Dynamic PM  नरेन्द्र मोदी है। जो नदियेां को नदियेां से जोडने का कार्य आगे बढाये तो राजस्थान एवं खास कर पष्चिमी राजस्थान के बाडमेर-जैसलमेर जिलों के साथ ही जालोर, सिरोही, पाली, नागौर, जोधपुर आदि जिले भी लाभान्वित होगें। इस संबंध में मेरे निम्न प्रकार से सुझाव एवं षिफारीष है। सांसद ने सुझावो के साथ ही मांग करते हुए कहा कि सरस्वती नदी पर परियेाजना बनाने की आष्यकता पौराणीक एवं लुप्त प्राय सरस्वी नदी जो भूमी के अन्दर ही अन्दर अरब सागर में जा रही है। केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड नें 1999-2001 की अवधी में उतर पष्चिम भाग में पालियोचैनल का पता लगाने के लिए अध्ययन षुरू किया है। और 18 ट्रायल ट्यूबबेल की ड्रिलिंग, भूमि जल की रासायनिक गुणवता का विष्लेषण और भूमि जल के पानी पीने येाग्य और पुरी मात्रा में होने के प्रमाण मिले है। साथ ही उसके यमुनानगर से सीरसा, नोहर, भादरा, सरदारषहर, डूंगरगढ, बीकानेर, हनुमानगढ, जैसलमेर, बाडमेर एवं जोलार के क्षेत्र से निकते हुए अरब सागर में विलीत होने के प्रमाण मिले है। यदि इस नदि पर येाजना बना कर पानी को देाहन किया जाये तो उक्त सुखे के अभावग्रस्त क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा।

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