पश्चिमी सरहद पर बेजुबान पक्षियो को बचाने की अनूठी पहल
ग्रुप फोर पीपुल्स एवं बीएसएफ की पहल, सीमा चौकियो पर परिंडे लगाने की कवायद 
बाड़मेर।
तेज गर्मी मंे बेजुबान पक्षियांे को पानी उपलब्ध कराने के लिए ग्रुप फोर पीपुल्स एवं सीमा सुरक्षा बल ने शनिवार से सीमा चौकियांे पर परिंडे लगाने की अभियान की शुरूआत की। सीमा सुरक्षा बल बाड़मेर सेक्टर की मुनाबाव, तामलोर एवं गडरारोड़ फारवर्ड सीमा चौकियांे से इसकी शुरूआत की गई। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियांे ने समस्त सीमा चैकियांे पर पक्षियांे के लिए परिंडे लगाने एवं उसमंे जवानांे की ओर से नियमित रूप से पानी डालने का भरोसा दिलाया। इस दौरान गु्रप फोर पीपुल्स की ओर से शनिवार और रविवार दो दिन लगातार सीमा चौकियों पर लगाने के लिए परिंडे उपलब्ध कराए गए।कई सीमा चौकियों पर ग्रुप कार्यकर्ताओ ने बल के जवानों के साथ परिंदे बंधे। 
पश्चिमी सीमा पर इन दिनांे तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के अधिक है। ऐसे मंे आमजन के साथ पक्षियांे की हालात भी बेहद खराब है। कई बार पानी के अभाव मंे पक्षियांे को तड़प कर गिरता हुआ देखा जाता है। बेजुबान पक्षियांे को बचाने के लिए शनिवार को मुनाबाव सीमा चैकी पर सहायक समादेष्टा हरेन्द्रसिंह, दिनेश मीणा, पुष्पेन्द्रसिंह, तामलोर सीमा चौकी पर सहायक समादेष्टा भूपेन्द्रसिंह भाटी एवं गडरारोड़ फारवर्ड सीमा चैकी पर सहायक समादेष्टा शंशाक मिश्र ने गु्रप फोर पीपुल्स के पदाधिकारियांे के साथ परिंडे लगाकर इस अभियान की शुरूआत की। इस दौरान गु्रप फोर पीपुल्स के संयोजक चंदनसिंह भाटी, दुर्जनसिंह गुड़ीसर, स्वरूपसिंह भाटी, मदन बारूपाल, ठाकराराम मेघवाल,ललित छाजेड़ ,शेखर माहेश्वरी उपस्थित थे। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियांे ने गु्रप फोर पीपुल्स के प्रयासांे की सराहना करते हुए कहा कि बेजुबान पक्षियांे की बचाने के लिए यह अनूठी पहल है। उन्हांेने भरोसा दिलाया कि प्रत्येक सीमा चौकी पर पक्षियांे के लिए परिंडे लगाए जाएंगे। साथ ही उसमंे नियमित रूप से पानी भी डाला जाएगा। उन्हांेने बताया कि कई सीमा चौकियांे पर विभिन्न प्रकार के पक्षियांे चिडि़या, मोरांे का जमावड़ा रहता है। इस तरह के प्रयास की बदौलत निसंदेह कई बेजुबान पक्षियांे की जान बचेगी। गु्रप के संयोजक चंदनसिंह भाटी एवं दुर्जनसिंह गुड़ीसर ने इस अभियान मंे सहयोग के लिए सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियांे एवं जवानांे का आभार जताया। 
कोई सरहद ना रोके,दोनो देशो के पंछी पीएंगे पानी
बाड़मेर
इंसान ने भले ही सरहद पर जमीन का विभाजन कर दीवार खींच ली हो, लेकिन पक्षियांे के लिए ऐसा कुछ नहीं है। ये आसानी से भारत-पाक दोनांे देशांे में आ जा सकते है। ऐसे मंे गु्रप फोर पीपुल्स के प्रयासांे की बदौलत लगाए गए परिंडे दोनांे देशांे के पक्षियों की प्यास बुझाने के काम आएंगे।
पश्चिमी सीमा पर कई बार सरहद पार से कुछ स्थानांे पर अजान सुनाई देती है तो इस पार से कुछ मंदिरांे मंे होने वाली आरती। जिस तरह आवाज और हवा को कोई रोक नहीं सकता। ठीक उसी तरीके से दोनों देशांे मंे पक्षियांे की आवाजाही जारी है। किसी का आशियाना भारत मंे है तो किसी का पाकिस्तान मंे। यह पक्षी दाने-पानी की तलाश मंे एक-दूसरे देश में जाते रहते है। ऐसे मंे गु्रप फोर पीपुल्स की ओर से लगाए गए यह परिंडे दोनांे देशांे से आने वाले पक्षियांे की प्यास बुझाने के काम आएंगे।

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