बाड़मेर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स का रास्ता जल्द साफ होने की उम्मीद
जयपुर।
बाड़मेर रिफाइनरी और पेट्रोकैमिकल कॉम्पलेक्स का रास्ता जल्द साफ होने की उम्मीद है। रिफाइनरी पर जल्द एचपीसीएल के साथ नए सिरे से करार होकर काम शुरू हो सकता है। राजस्थान राज्य रिफाइनरी लिमिटेड की बुधवार को सचिवालय में हुई बोर्ड बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। रिफाइनरी को लेकर अब हर सप्ताह राज्य सरकार के अफसर एचपीसीएल के अफसरों के साथ बैठकें करेंगे। अगले सप्ताह रिफाइनरी पर अब मुंबई मेें बैठक होगी।
राज्य सरकार ने कांग्रेस राज के समय तय हुई शर्तों को खारिज करते हुए एचपीसीएल से रिनेगोसिएशन का फैसला किया था। एचपीसीएल नई शर्तों पर रिफाइनरी लगाने को तैयार है। अब यह तो साफ हो गया है कि बाड़मेर मेंं रिफाइनरी और पेट्रो कैमिकल कॉम्प्लेक्स एचपीसीएल ही बनाएगा।
एचपीसीएल तीन बड़े बिंदुओं पर सहमत है। राज्य सरकार अब इस प्रयास में है कि उसकी 26 फीसदी इक्विटी के साथ उसे प्रोजेक्ट पर कम पैसा लगाना पड़े। 37 हजार करोड़ के रिफाइनरी प्रोजेक्ट पर सरकार वायबिलिटी गैप फंड का पैसा कम कराने के लिए एचपीसीएल से लगातार बातचीत कर रही है।
एचपीसीएल भी रिनिगोसिएशट करने को तैयार है। एसबीआई कैप की रिपोर्ट खारिज की जा चुकी है। अब पीआईएल की रिपोर्ट तैयार हो रही है, जून तक पीआईएल की रिपोर्ट आ जाएगी।
रिफाइनरी के साथ सरकार का जोर पेट्रो कैमिकल कॉम्पलेक्स् और उससे बनने वाले बाय प्रोडक्ट पर है। बाय—प्रोडक्ट के जरिए घाटे को कम करके प्रोजेक्ट को जल्द लाभ में लाया जा सके, इस पर मंथन चल रहा है। सरकार एचपीसीएल और विशेषाज्ञें के साथ भविष्य में क्रूड आॅयल की कीमतों में घटत बढ़त का रिफाइनरी पर असर का भी आकलन कर रही है।
क्रूड आॅयल की कीमतें कम होने से रिफाइनरी प्रोजेक्ट को शुरुआत में फायदा होगा, क्योेंकि कार्यशील पूंजी कम लगेगी, स्टील के भावों के कम होने से प्रोजेक्ट की लागत कम होगी। इन सब बिंदुओं पर चर्चा के बाद अब सहमति बन रही है। जल्द ही रिफाइनरी पर नए सिरे से करार करके काम आगे बढ़ने की संभावना है।

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