डाॅ. अम्बेडकर समाज सुधारक और प्रखर राष्ट्रवादी महानायक - प्रियंका मेघवाल
बाड़मेर  
डाॅ. भीमराव अम्बेडकर का मानना था कि जातीय व्यवस्था असमानता, परतंत्रता जैसे तत्वों पर आधारित हैं। यह निम्न वर्गो तथा महिलाओं पर सामाजिक आर्थिक, धार्मिक, राजकीय और शैक्षणिक पाबंदियां लगाने वाली समाज व्यवस्था है जो राष्ट्रीयता के लिए ठीक नहीं हैं। डाॅ. भीमराव अम्बेडकर संविधान निर्माता ही नहीं बल्कि समानता, स्वतंत्रता और बंधुता पर आधारित राष्ट्रवाद के प्रणेता भी है वे महान समाज सुधारक और राष्ट्रवादी महानायक है यह विचार जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल ने जिला काग्रेंस कमेटी, बाड़मेर द्वारा आयोजित डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंति समारोह के अवसर पर व्यक्त किये। 
जिला प्रवक्ता मुकेष जैन ने बताया कि गुरूवार को प्रातः 11 बजे जिला काग्रेसं कमेटी, बाड़मेर द्वारा कांग्रेस कार्यालय में संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंति महोत्सव समारोहपूर्वक मनाई गई इस अवसर पर बाबा साहब की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए गये आज के कार्यक्रम में जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, जिलाध्यक्ष फतेह खां, जिला महामंत्री चैनसिंह भाटी, जगजीवनराम सिंधी, सोनाराम टांक, प्रवक्ता मुकेष जैन, किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष रूपाराम सारण, यूथ कांग्रेस लोकसभाध्यक्ष ठाकराराम माली, नगर परिषद उपसभापति प्रीतमदास जीनगर, नगर अध्यक्ष दमाराम परमार, पूर्व ब्लाॅक अध्यक्ष हरीषचन्द्र सोलंकी, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष भूराराम सारण, मोहनलाल सोलंकी, दीपक परमार, पार्षद नरेषदेव सारण, दिलीपसिंह गोगादे, अनुसूचित जाति विभाग जिलाध्यक्ष श्रवण कुमार चंदेल, चिकित्सा प्रकोष्ठ डाॅ. मूलचंद चैधरी, खेलकूद प्रकोष्ठ भंवरलाल शर्मा, कर्नल बेसराराम चैधरी, देवराज मेघवाल, एनएसयूआई प्रदेष सचिव तोगाराम मेघवाल, रउफ राजा यूथ महासचिव, भानप्रतापसिंह, छोटूंिसह, एडवोकेट महेन्द्र पोटलिया, सम्पतराज सिंघवी, महावीर बोहरा, विधायक निजी सहायक ओमप्रकाष शर्मा, कार्यालय सचिव ओमप्रकाष चैधरी, भूराराम पंवार सहित सैकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित हुए। कार्यक्रम संचालन मुकेष जैन ने किया। 
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि डाॅ. भीमराव अम्बेडकर दलितों, पिछड़ो के मसीहा थे उन्होंनें उनके कल्याण के लिए संविधान में कई प्रावधान किए। जैन ने कहा कि डाॅ. भीमराव अम्बेडकर का मानना था कि राष्ट्रीयता को साकार करना हो तो आर्थिक व सामाजिक समानता व स्वतंत्रता को प्रोत्साहन देना होगा। 
जिलाध्यक्ष फतेह खां ने कहा कि डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के विचार से समानता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र जैसे मूल्य ही राष्ट्र के स्तंभ है। उन्होनें कहा कि डाॅ. अम्बेडकर को पढने की नहीं बल्कि समझने की ज्यादा जरूरत हैं। 
प्रखर वक्ता हरीषचन्द्र सोलंकी ने डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की जीवनी पर प्रकाष डालते हुए कहा कि उन्होनें समता, स्वतंत्रता, बंधुता और सामाजिक न्याय इन चार तत्वों के आधार पर संविधान का निर्माण किया। डाॅ. अम्बेडकर का सपना अब भी अपूर्ण ही है। 125 वीं जयंति पर हमें इसे पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए।

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