दिल्ली समेत उत्तर भारत में भूकंप के लगे तेज झटके
नई दिल्ली। 
राजधानी दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.8 आंकी गयी। 
मौसम विभाग के मुताबिक, भारतीय समयानुसार शाम सात बजकर 25 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र भारत-म्यांमार सीमा पर 23 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 94.9 डिग्री पूर्वी देशांतर पर सतह से 134 किमी की गहराई पर स्थित था। 
भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान की तुरंत कोई जानकारी नहीं है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। 
दिल्ली में मेट्रो सेवाएं इससे अप्रभावित रहीं लेकिन झटकों की वजह से कोलकाता में मेट्रो को कुछ देरी के लिए रोक दिया गया। कोलकाता और उत्तर-पूर्व भारत के राज्यों के अलावा पटना में भी झटके लगने से लोगों में अफरातफरी फैल गई। 
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी भूकंप के झटके महसूस किए जाने की खबर है। उल्लेखनीय है कि नेपाल में पिछले वर्ष अप्रैल में आए विनाशकारी भूकंप में 9000 से अधिक लोग मारे गये थे और हजारों लोग बेघर हो गये थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 आंकी गई थी। 
क्यों आता है भूकंपः 
क्या आप जानते हैं कि भूकंप क्यों आता है? भूकंप की उत्पत्ति के बारे में समझने के लिए पृथ्वी की आंतरिक संरचना को समझना अनिवार्य है। दरअसल धरती के भीतर कई प्लेटें होती हैं जो समय-समय पर विस्थापित होती हैं।
इस सिद्धांत को अंग्रेजी में 'प्लेट टैक्टॉनिक थीअरी' और हिंदी में 'प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत' कहते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी की ऊपरी परत लगभग 80 से 100 किलोमीटर मोटी होती है, जिसे 'स्थल मंडल' कहते हैं।
प्लेट टैक्टॉनिक के इस सिद्धांत के अनुसार हमारी धरती की ऊपरी परत के रूप में स्थित स्थलमण्डल, जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मैंटल का कुछ हिस्सा शामिल है, कई टुकड़ों में विभाजित हो जाता है जिन्हें प्लेट्स कहा जाता है।
सामान्यतया इन प्लेट्स में बड़ी प्लेट्स की संख्या सात मानी जाती है। इसके अलावा कुछ सामान्य और कुछ छोटे आकार की प्लेट्स भी होती हैं। ये प्लेट्स मुख्य रूप से अफ़्रीकी प्लेट, यूरेशियाई प्लेट, उत्तर अमेरिकी प्लेट, दक्षिण अमेरिकी प्लेट, प्रशांत प्लेट, हिन्द-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट, अंटार्कटिक प्लेट्स हैं।
भूकंप पृथ्वी की परतों के आपस में टकराने से उत्पन्न हुई उर्जा के कारण आता है। उन प्लेटों के टकराने से सिस्मिक तरंगे उत्पन्न होती हैं जो भूकंप का मुख्य कारण हैं। इसी के चलते भूकंप को रिकॉर्ड करने के लिए 'सीस्मोमीटर' का इस्तेमाल किया जाता है, लिहाजा भूकंप के अध्ययन को 'सीस्मोग्राफी' कहलाता है।
भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से हो सकता है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परीक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।

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