बाड़मेर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण हेतु कार्यशाला का हुआ आयोजन
बाड़मेर
जिलें में टीकाकरण की स्थिति को सुधारने के लिए क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का समय समय पर मनोबल बढाने की आवश्यकता रहती है। हालाकि सरकार द्वारा इस हेतु प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान है, किन्तु जानकारी के अभाव में उक्त राशि का उपयोग नही होने से समुदाय लाभान्वित नही हो पा रही है। क्षेत्र में कार्य कर रही आशा का मुख्य कार्य समुदाय को जानकारी देकर एकत्रित करना है जिससे स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीकाकरण कार्यक्रम को अमलीजामा पहना सकें। यह बात जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण हेतु चिकित्सा अधिकारियों के क्षमतावर्द्धन हेतु आयोजित कार्यशाला में पूर्व परियोजना निदेशक(राज. सरकार), टीकाकरण डा. आर.पी. जैन, द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को बताई गई।
इस कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इण्डिया एवं केयर्न इण्डिया के सहयोग से संचालित रचना परियोजना के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डा. जैन ने बताया की समुदाय में पहुच बढाने एवं सेवाओं को सुदृढ करने के लिये साझा प्रयासों की जरुरत है। इस हेतु गैर सरकारी संगठनों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहती है। पोलियों टीकाकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताया की पोलियों रोधी टीका आई.पी.वी. की शुरुआत हो चुकी है। विश्व में प्रत्येक देश को इस टीके का उपयोग करना आवश्यक है। चूकी यह टीका महंगा होने के कारण उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों को टीके के सही उपयोग करने की बात कही साथ ही उन्होने इस बात पर जोर दिया की किसी भी स्थिति में लाभार्थी टीकाकरण से छूटना नही चाहिये। मिशन इन्द्रधनुष के बारे में बताया की कार्यक्रम की उपयोगिता उन क्षेत्रों के चयन से होगी जो नियमित टीकाकरण से छूटे हुए है।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डा. पंकज खुराना ने कार्यशाला की उपयोगिता बताते हुए कहा की टीकाकरण के क्षेत्र में स्थिति चिन्ताजनक होने के कारण इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ का मनोबल बढता है। डा. खुराना ने विश्वास व्यक्त किया की यह कार्यशाला मील का पत्थर साबित हो सकता है।

सचिन भार्गव, परियोजना प्रबन्धक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने बताया की रविवार से उप राष्ट्रीय टीकाकरण प्रारम्भ हो रही है। इस स्थिति में इस कार्यशाला का महत्व और भी बढ जाता है। भार्गव ने बताया की इस कार्यशाला में सभी प्रतिभागी डा. जैन के अनुभवों को ग्रहण कर अपने अपने क्षेत्र में उपयोग करने की बात कही जिससे टीककरण की स्थिति को सही दिशा मिल सकें।

केयर्न इण्डिया लिमिटेड के सुन्दर राज ने केयर्न इण्डिया लिमिटेड द्वारा सामाजिक सरोकारों द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए कहा की रचना परियोजना केयर्न इण्डिया लिमिटेड की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। सुन्दर राज ने बताया की इस परियोजना के द्वारा जिले के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सम्बन्धी सूचकांको को सकारात्मक दिशा मिलेगी।

केयर इण्डिया के परियोजना प्रबन्धक दिलीप सरवटे ने बताया की रचना परियोजना जिले में मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के कार्यरत है। आज की कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया गया। इस कार्यशाला में जिले के समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारियों के साथ साथ बाड़मेर, बायतु, सिणधरी एवं धोरीमन्ना क्षेत्र के चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। दिलीप सरवटे ने विश्वास व्यक्त किया की डा. जैन के अनुभवों से लाभान्वित होकर चिकित्सा अधिकारी बढे हुए जोश के साथ अपने अपने क्षेत्र में कार्य करेंगे। इस कार्यशाला में 40 से ज्यादा प्रतिभागियों ने सहभागिता निभाई।

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