PM मोदी ने विपक्ष को दिया आश्वासन: 'संसद चलने दें, हर मुद्दे पर होगी चर्चा'
नई दिल्ली।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय के मुद्दों पर संसद के आगामी बजट सत्र में विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों को आश्वसान दिया कि सरकार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। 
मोदी ने विपक्ष के नेताओं से कहा कि सरकार संसद में हर मुद्दे पर चर्चा के तिए तैयार है बशर्ते विपक्ष संसद को सुचारू ढंग से चलाने में सरकार का सहयोग करे। मोदी ने अपने कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक में पिछले सत्रों के दौरान हुए व्यावधानों पर चिंता जताते हुए विपक्ष से अपील की कि वे संसद को चलाने तथा महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सरकार का सहयोग करें। 
यह पहला मौका है जब संसद सत्र से पहले विपक्ष को भरोसे में लेने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रमुख दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। लगभग सवा दो घंटे तक चली बैठक में सभी दलों के नेताओं ने अपनी राय रखी। 
कांग्रेस और लेफ्ट ने उठाया जेएनयू का मुद्दा
कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने बैठक में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का मुद्दा उठाया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष से कहा कि इन घटनाओं के परिणामों को सही तरीके से समझने की जरूरत है। उन्होंने विपक्ष के नेताओं से सवाल किया कि क्या कोई जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी जेएनयू परिसर में लगाए गए देश विरोधी नारों को सही ठहरा सकती है? 
उन्होंने विपक्षी दलों से जेएनयू में हुई घटना की जांच रिपोर्ट आने तक इंतजार करने के लिए कहा। संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने भी कहा कि जेएनयू की घटना की जांच चल रही है और सरकार को संसद में विपक्षकी ओर से उठाए गए किसी भी विषय पर चर्चा करने में कोई संकोच नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार संसद के बजट सत्र को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अपनी ओर से कोई भी पहल करने को तैयार है।
संविधान नहीं मानने वालों के समर्थन में नहीं है कांग्रेस 
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने अन्य मुद्दों के साथ-साथ हैदराबाद विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह भारत के संविधान को नहीं माननेे वाले और देश की एकता एवं अखंडता में विश्वास नहीं करने वाले लोगों के साथ नहीं है। सूत्रों के अनुसार सभी दलों के नेताओं ने संसद के कामकाज में व्यवधान के बारे में प्रधानमंत्री मोदी की चिंता से सहमति जताई। 
सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की विपक्ष ने की सराहना
विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाने के कदम का स्वागत किया। बैठक में कांग्रेस के आनंद शर्मा, जनता दल यू के शरद यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी.राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर, अन्ना द्रमुक के एम थम्बीदुरई तथा नवनीत कृष्णन, अकाली दल के नरेश गुजराल, द्रमुक की कनीमोझी आदि ने हिस्सा लिया। 
सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और वेंकैया नायडू के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा मौजूद थे।

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