बाड़मेर तीसरे दिन भी न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर, रैली निकालकर किया राज्य सरकार का विरोध
बाड़मेर 
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देशानुसार, राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ, शाखा बाड़मेर द्वारा, राज्य सरकार के द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं करने एवं शेट्टी आयोग की सिफारिशें लागू नहीं करने के विरोध स्वरूप आज लगातार तीसरे दिन भी सभी न्यायालयों के कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर कार्य का बहिष्कार किया एवं रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
सभी कर्मचारीगण ने महावीर पार्क (धरनास्थल) से इकट्ठे होकर जुलूस के रूप में अहिंसा सर्किल, सुभाष चैक से होते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय, बाड़मेर तक ‘‘राज्य सरकार से शेट्टी पे कमिशन पूरी तरह लागू करो‘‘ के नारे लगाते हुए रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया एवं जब तक शेट्टी आयोग की सिफारिशें माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार हू-ब-हू लागू नहीं की जाती हैं, तब तक यह विरोध प्रदर्शन अनवरत रूप से इसी प्रकार जारी रखने का आह्वान किया एवं जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर शेट्टी आयोग की सिफारिशें जल्द-से-जल्द लागू करने की मांग की गई।
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के सचिव सुरेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तब तक पूरे राजस्थान में कोई भी न्यायिक कर्मचारी कार्यालय में नहीं जाएगा तथा सभी कर्मचारियों द्वारा सामूहिक अवकाश में रहकर राजस्थान सरकार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया जाता रहेगा। जिले की अन्य अदालतें, चैहटन, सिवाना, पचपदरा, बालोतरा आदि में भी कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
राठौड़ ने बताया कि बार एसोसिएशन तथा आॅल इंडिया बैंक एसोसिएशन और कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया एवं शिक्षा विभाग ने भी न्यायिक कर्मचारियों की शेट्टी आयोग लागू करवाने एवं सर्वोच्च न्यायालय व माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशो की पालना करवाने की वाजिब मांग को न्यायोचित मानते हुए राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ का समर्थन किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कन्हैयालाल जैन ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। इस दरमियान बड़ी तादाद में वरिष्ठ अधिवक्तागण भी उपस्थित रहे।
क्या है शेट्टी आयोग की सिफारिशें:-
माननीय शेट्टी आयोग द्वारा अधीनस्थ न्यायालयों के कर्मचारियों के लिए नवीन पदों का सृजन एवं संशोधित वेतनमान व अन्य सुविधाओं की अनुशंषा की गई है। उक्त अनुशंषाओं पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पीटीशन (सिविल) नवंबर 1022/1989 आई.ए.नं. 297/2012 में पारित आदेश 16.03.2015 के अनुसार पालना की जानी है। उक्त आदेश के अनुसार परिलाभ माह अप्रेल, 2015 के वेतन के साथ अविलम्ब लागू किए जाने चाहिए थे एवं 01.04.2003 से आज तक का एरियर 31.12.2015 तक भुगतान किया जाना चाहिए था।
इस संदर्भ में राठौड़ ने बताया कि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा राजस्थान सरकार (प्रशासन) को कईबार शेट्टी पे कमीशन लागू करने हेतु पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन राजस्थान सरकार न तो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना की रही है और न ही राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों की ओर कोई ध्यान दे रही है।

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