बाड़मेर स्वयं सहायता समूहों को सक्रिय कर ऋण योजना से जोड़ेःशर्मा
बाड़मेर।
महिला स्वयं सहायता समूहांे को सक्रिय करने के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए बैंकिंग ऋण योजना से जोड़ा जाए। साथ ही डिफाल्टर स्वयं सहायता समूहांे को चिन्हित किया जाए। जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट कांफे्रस हाल मंे महिला स्वयं सहायता समूह की योजनाआंे एवं गतिविधियांे संबंधित समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।
जिला कलक्टर शर्मा ने कहा कि स्वयं सहायता समूहांे को ऋण योजना से लाभांवित करने के लिए अधिकाधिक आवेदन तैयार किए जाए। उन्हांेने महिला एवं बाल विभाग तथा बैंकर्स को ऋण के लिए लक्ष्य निर्धारित कर उसके अनुरूप प्रयास करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर शर्मा ने स्वयं सहायता समूह की आन लाइन फीडिंग स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पांच फरवरी तक आवश्यक रूप से समस्त समूहांे की स्थिति आन लाइन फीड कर दी जाए। उन्हांेने इस कार्य मंे कौताही बरतने वाले अधिकारियांे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि आनलाइन फीडिंग करते समय स्वयं सहायता समूह सदस्यांे के आधार कार्ड नंबर का भी आवश्यक रूप से इन्द्राज किया जाए। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने उचित मूल्य दुकान आवंटन के लिए 100 स्वयं सहायता समूहांे का पैनल कार्यक्रम अधिकारियांे को भिजवाने के निर्देश दिए। ताकि यह पैनल राज्य सरकार को भिजवाया जा सके। महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक सती चैधरी ने बताया कि उचित मूल्य की दुकान के लिए स्वयं सहायता समूह का चयन करते समय दो सदस्य बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होने चाहिए। जिला स्तर से पैनल तैयार किया जाएगा। इसके बाद संबंधित स्थान पर दुकान खाली होने की स्थिति मंे आवंटन किया जाएगा। 
कार्यक्रम अधिकारी अशोक गोयल ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे वर्ष 2015-16 मंे 800 स्वयं सहायता समूह गठित किए जाने थे। इसके एवज मंे अब तक 466 स्वयं सहायता समूह गठित किए जा चुके है। उन्हांेने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूह के उचित मूल्य आवंटन के संबंध मंे गुड़ामालानी के रामदेव महिला स्वयं सहायता समूह नगर को उचित मूल्य की दुकान आवंटित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा महिला स्वयं सहायता समूहांे को निःशुल्क बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण दिलाने की प्रक्रिया के तहत फरवरी माह से आरएससीआईटी के जरिए 70 महिलाआंे एवं बालिकाआंे को कंप्यूटर संबंधित प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। समीक्षा बैठक के दौरान नाबार्ड के डीडीएम माणकचंद रेगर ने नाबार्ड की ओर से स्वयं सहायता समूहांे के क्षेत्र मंे अर्जित की गई प्रगति के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान के विक्रमसिंह, श्योर संस्थान की लता कच्छवाह सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाआंे के प्रतिनिधियांे एवं अधिकारियांे ने स्वयं सहायता समूहांे के जरिए महिला सशक्तिकरण की दिशा मंे सामूहिक प्रयास करने की जरूरत जताई। उन्हांेने इस दौरान फेडरेशन की स्थापना एवं महिला दस्तकारांे को उनकी मेहनत के अनुरूप मजदूरी दिलाने के लिए सुझाव रखे। इस दौरान स्वयं सहायता समूहांे के सुदृढीकरण के लिए बैंकांे से वित पोषण, समूहांे के कौशल उन्नयन एवं स्वरोजगारात्पादक गतिविधि, उत्पाद विपणन तथा अन्य गतिविधियांे के बारे मंे विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

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