मेरा बेड़ा पार कर दे या गौस अल मदद 
बाड़मेर।
जश्ने गौसे आजम का जलसा बामणोर में बड़ी शान और शौकत के साथ मनाया गया। इस जलसे में सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम भाई बहिनों ने शिरकत कर ईमान की राह पर चलने का विश्वास दिलाया। इस जलसे में अपनी तकरीर करते हुए मुफ्ती ए आजम राजस्थान मुफ्ती शेर मोहमद खां, आवाम से मुखातिब होते हुए कहा जो दीनदार होगा वही ईमानदार होगा। अपने बच्चों को दीनी दुनियावीं की तालिम दिलावें। उन्होने कहा कि मेरे रसूल पूरी दूनिया के लिये रहमत बनकर आये। मेरा इस्लाम कहता है गरीबों, मोहताजों, बेसहारा, वतन से मोहबत, पड़ौसी का हक अदा करना, यह मौमीन की पहचान है। पीर सैयद नूरूल्लाह शाह बुखारी ने अपनी तकरीर में कहा ये दुनिया मुसाफिर खाना है मरने के बाद न दौलत, न अजीज, न भाई, रिश्तेदार काम आयेंगे, साथ अच्छे काम चलेगें। जिदंगी में रहते हुए अच्छे काम करें दुनीया से जाने के बाद लोग याद करें। इस मौके पर सैयद गुलाम शाह बामणोर, सैयद भूरे शाह, सैयद मीर मोहम्मद शाह, मुस्लिम इंतजामिया कमेटी के पूर्व सदर असरफ अली खिलजी, मौलाना कासिम दिलकश, मौलाना अयूब असरफी, जिलानी जमात के सदर हाजी इदरीश, चीफ खलीफा सखी मोहमद कादरी, नाथू खां समेजा गागरिया, सिद्धिक खां मंगलिया, सौकत खां, दरिया खां, उमर खां, साहेबना, मौलवी विलाल, सरीफ खां छछर, खलीफा रहीम बसरा, हाजी सरादीन, रमजान खां समेजा, मेहमूूद खां सहित समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। 

कोई कौम तालीम के बिना तरक्की नहीं कर सकती - चौहान 
इस मौके पर बामणोर में कौमी एकता का कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाज सेवी तनसिंह चौहान  ने कहा कि कोई समाज तरक्की के शिक्षा के बिना संभव नहीं है और न ही कामयाबी हासिल कर सकती। किसी भी समाज की तरक्की तब तक संभव नही जब तक की उसमे वृहत रूप से एकता ओर संगठनात्मक रूप से मजबूती नहीं हो जाती। शिक्षा वह साधन है जो समाज को केवल शिक्षित ही नहीं करती वरन व्यक्ति के आत्मीय विकास में भी अहम योगदान निभाती है। कार्यक्रम में मुस्लिम इंतेजामिया कमेटी के पूर्व सदर अशरफ अली खिलजी ने कहा कि इलम ही एक ऐसी चीज है जो इंसान को बुलंदीयों तक पहुंचाती है। इस मौके पर समाज सेवी लूणसिंह झाला, सोहनसिंह शिवकर, जिलानी जमात के सदर हाजी इदरीश, चीफ खलीफा हाजी सकी मोहम्मद सहित कई लोग मौजूद रहे। 

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