बाड़मेर पुलिस अधीक्षक के पास आया फजी अधिकारी का कॉल, मांगी महत्वपूर्ण सूचनाये  
बाड़मेर
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले की सामरिक ठिकानों की जानकारी जुटाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई देश के सीमावर्ती इलाकों में तेज़ी से सक्रिय है। बाड़मेर पुलिस अधीक्षक को कल एक व्यक्ति ने खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताते हुए कॉल किया और उत्तरलाई एयर बेस की जानकारी मांगी। एसपी को शक हुआ और उन्होंने जानकारी देने से मना किया और फर्जी अधिकारी ने उनकी शिकायत डीजीपी व प्रधानमंत्री तक करने की धमकी दी। खुफिया एजेंसी इसकी पड़ताल में जुट गई हैं।
एसपी स्तर के अधिकारी को धमकाने का पहला मामला बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख का कहना है कि कल शाम उनके पास ऐसा फोन आया था। बात करने वाला स्वयं को रिटायर्ड पुलिस अधिकारी बता रहा था। उन्होंने बताया कि सीमा क्षेत्र में इस तरह के फर्जी कॉल आते रहते है, लेकिन पुलिस अधीक्षक स्तर के व्यक्ति के पास पहली बार ऐसा फोन आया।
पी ए को भी आया था फोन 
गुरुवार शाम इस शख्स ने सबसे पहले बाड़मेर एस पी परिस देशमुख के निजी सहायक गोपाराम विश्नोई के मोबाइल पर फोन किया और आदेशात्मक भाषा में उनसे बात की। पी ए से विंग कमाण्डर के नम्बर मांगे गए। लेकिन पी ए ने कोई जानकारी नहीं दी। फिर इस संदिग्ध शख्स ने एस पी से बात करने की हिम्मत की। एस पी देशमुख को बातचीत में अहसास हुआ कि कोई फर्जी कॉल है। फिर एस पी ने चतुराई से उसकी पूरी बात सुनी। उसने एस पी को आदेशात्मक लहजे में कहा कि वह विंग कमाण्डर को बात करने के लिए कहे। एस पी ने ओ के बोलकर बात खत्म की। पांच मिनट बाद इस शख्स ने एस पी के व्हाट्सएप पर कुछ फोटो भेजे, जिसके जरिए यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि वह आईपीएस व जम्मू एण्ड कश्मीर का पूर्व डीजीपी है। उसने स्वयं के मोदी व राजस्थान डीजीपी का परिचित होने की शेखी भी बघारी। गुरुवार शाम हुए इस घटनाक्रम को एस पी परिस देशमुख ने शुक्रवार को सार्वजनिक किया और चेताया कि सीमावर्ती जिले बाड़मेर में एेसे कॉल आ रहे हैं, जिनसे सतर्क रहने की जरुरत है। किसी अपरिचित को कोई जानकारी नहीं दें। उन्होंने अंदेशा जताया कि यह कॉल पाक इण्टेलिजेंस ऑपरेटिव का हिस्सा हो सकता है। एस पी के पास आए कॉल की एजेन्सियां जांच कर रही है।
आईएसआई एजेंट के साथ ऐसे चली वार्ता
बाड़मेर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में कल शाम एक फोन आया। उसमें स्वयं को 1961 बैच का आईपीएस अधिकारी बताते हुए कहा गया कि वे डीजीपी के खास मिलने वाले है।
उन्होंने एसपी के पीए से वायुसेना के अधिकारी के नंबर मांगे। पीए ने नंबर देने से इनकार कर दिया।
इसके बाद उसने एसपी को फोन किया। कई आईपीएस अधिकारियों के नाम बता उनके साथ अपनी जान पहचान बताई।
उस शख्स ने एसपी से कहा कि वे उत्तरलाई वायुसेना स्टेशन के विंग कमांडर से कहे कि वह मुझसे बात करे।
एसपी देशमुख को सारा माजरा समझ में आ गया। क्योंकि टेलीफोन पर आवाज किसी युवा की महसूस हो रही थी न कि 1961 बैच के किसी वृद्ध अधिकारी की।
उन्होंने उसे ओके कह टरका दिया।
थोड़ी देर बाद वापस काल आया। शक होने पर देशमुख ने उसे डांट दिया। इस पर उस शख्स ने कहा कि वह उनकी बातचीत को रिकार्ड कर रहा है और इसकी शिकायत डीजीपी व मोदी तक करेगा।
देशमुख ने अपने आला अधिकारियों व खुफिया एजेंसियों को इस फोन के बारे में सूचित किया है। अब इसकी जांच की जा रही है।
एसपी ने शहरवासियों से की अपील  
देशमुख ने आमजन से अपील की है कि वे इस तरह के फर्जी काल से सावधान रहे। किसी अनजान व्यक्ति के साथ जानकारी शेयर नहीं की जाए।
किसी तरह का शक होने पर सबसे पहले पुलिस को जानकारी दे।
यदि किसी के साथ ऐसा हो चुका है या उन्होंने गलती से कोई जानकारी शेयर कर दी है तो वे आगे आकर पुलिस को इसकी जानकारी दे।
ऐसे लोग एक बार बात को रिकार्ड कर उसके दम पर ब्लैकमेल कर सकते है।
पूर्व में यहां पकड़े गए पोस्ट आफिस के कर्मचारी भी इसी तरह से आई फर्जी काल के जरिए फांसे गए थे।

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