जेएलएफ के माध्यम से राजस्थान को देखती है दुनिया- मुख्यमंत्री
जयपुर।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल दुनिया भर से आए लोगों के सामने राजस्थान की विशेषताएं प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह शब्दों का उत्सव है और इसका आयोजन करना जयपुर का सौभाग्य है।
श्रीमती राजे गुरूवार को डिग्गी पैलेस के फ्रंट लॉन में जी जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहीं थीं। कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर जेएलएफ का विधिवत उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल की ख्याति प्रति वर्ष बढ़ती जा रही है। जब इसकी शुरूआत हुई थी डिग्गी पैलेस के फ्रंट लॉन में कम लोग ही दिखाई देते थे, लेकिन आज यहां पैर रखने की जगह नहीं मिलती जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आए लोग साहित्य का यह उत्सव हम सभी के साथ मिलकर मनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने याद किये बचपन के दिन
श्रीमती राजे ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि तब उन्हें पुस्तकें पढऩे का बहुत शौक था। बुक स्टॉल पर जाकर वे अक्सर पुस्तकों के कवर पेज एवं अन्दर के कुछ पन्ने पढ़े बगैर नहीं रह पाती थीं। उन्होंने कहा कि जेएलएफ जैसे आयोजन पाठकों को प्रसिद्घ लेखकों एवं साहित्यकारों की किताबें पढऩे के साथ-साथ उन्हें खरीदने का अवसर प्रदान करते हैं। 
मुख्यमंत्री ने जेएलएफ में आईं बुकर पुरस्कार विजेता मशहूर लेखिका मार्ग्रेट एटवुड एवं अन्य जाने-माने लेखकों का राजस्थान में स्वागत करते हुए कहा कि जेएलएफ के माध्यम से पाठकों को उन प्रसिद्घ लेखकों से मिलने और उनके विचार सुनने का मौका मिलता है जिनसे मिलने का अवसर सामान्यतया नहीं मिल पाता। उन्होंने बाहर से आए मेहमानों से आग्रह किया कि वे जयपुर घूमकर यहां की ऐतिहासिक इमारतों एवं स्मारकों के साथ राजस्थान की कला एवं संस्कृति को करीब से देखने का समय जरूर निकालें। उन्होंने जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल की कार्यक्रम बुकलेट का भी विमोचन किया।
बुक स्टॉल जाकर खरीदीं किताबें
श्रीमती राजे फुल सर्किल बुक स्टोर गईं जहां उन्होंने विभिन्न लेखकों की पुस्तकों को बहुत रूचि के साथ देखा। उन्होंने मार्ग्रेट एटवुड सहित कई जाने-माने लेखकों की पुस्तकें खरीदीं। लेखक शरद पी. पॉल ने उन्हें अपनी चार पुस्तकें हस्ताक्षर कर भेंट की। श्रीमती राजे ने महिला जेल की स्टॉल पर जाकर महिला बंदियों द्वारा तैयार किये गये बैग, जयपुरी रजाई, चटाईयां, पेंटिंग्स एवं अन्य उत्पादों का अवलोकन भी किया।
बच्चों एवं युवाओं को दिए ऑटोग्राफ
श्रीमती राजे जितनी देर जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में रहीं उतनी देर कई बच्चे एवं युवा पाठक उनके ऑटोग्राफ लेने के लिए उत्साह के साथ इंतजार करते दिखे। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें निराश नहीं किया और कई स्कूली बच्चों तथा पाठकों को ऑटोग्राफ दिए। श्रीमती राजे से मिलने के लिए लोग विशेषकर युवा एवं स्कूली बच्चे उत्साहित दिखाई दिए।
उद्घाटन समारोह की मुख्य वक्ता मशहूर लेखिका एवं बुकर पुरस्कार विजेता मार्ग्रेट एटवुड ने कहा कि आज पाठकों की पुस्तकें पढऩे में रूचि कम नहीं हो रही है, बल्कि और अधिक बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल किताबों, लेखकों एवं पाठकों के साथ-साथ पठन का भी उत्सव है। फेस्टिवल निदेशक श्रीमती नमिता गोखले एवं श्री विलियम डेलरिम्पल ने जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल एवं इसमें शामिल होने वाले लेखकों के बारे में जानकारी दी। जेएलएफ के प्रोड्यूसर श्री संजोय रॉय ने सभी अतिथियों एवं फेस्टिवल में शामिल लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर सांसद रामचरण बोहरा, मेयर निर्मल नाहटा एवं कई गणमान्य अतिथि तथा बड़ी संख्या में पाठक, लेखक एवं युवा कार्यक्रम में मौजूद थे।

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