शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह के साथ केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय की टीम ने फिर से मौका देखा
बाड़मेर।
बायतु कस्बे से प्रस्तावित हाईवे अब कस्बे के बीच से नहीं निकलेगा। शनिवार को केन्द्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के निर्देशो के बाद मंत्रालय की एक टीम ने शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह के साथ प्रस्तावित हाईवे  का मौका मुआयना किया। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रभाविवत लोगो से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने बायतु कस्बे के बीच से प्रस्तावित हाईवे के बजाय दुसरे विकल्पों पर गौर कर उन्हें क्रियान्वित करने पर सहमति जताई।
गौरतलब है कि पिछले लम्बे समय से बायतु के लोग कस्बे के बीच से निकलने वाले हाईवे को लेकर विरोध जता रहे है। विरोध की वजह वर्तमान में प्रस्तावित हाईवे के लिए, जो कि कस्बे के मध्य से होकर गुजरेगा, के कारण सैकड़ो निजी और सावर्जनिक संपतियों को नुकसान हो रहा था। इसी कारण कस्बें के लोग पिछले लम्बे समय से इस हाईवे का विरोध कर रहे थे। इस मामलें को लेकर कई बार कस्बें में बंद का आयोजन किया जा चुका है।
लोगों के विरोध और जनभावनाओं को देखते हुए हाल ही में शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने नई दिल्ली में केन्द्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर उन्हें लोगों की भावनाओं से अवगत कराते हुए इस मामलें में अन्य विकल्पों पर गौर करने के निवेदन किया। मानवेन्द्रसिंह के सुझावों पर गौर करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने मानवेन्द्रसिंह की मौजुदगी में राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक कर उन्हें शिव विधायक के प्रस्ताव के अनुसार पुनः मौका मुआयना करने के निर्देश प्रदान किए।
केन्द्रीय मंत्री के निर्देशों के बाद शनिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी) श्री पाडी के नेतृत्व में चार सदस्यीय एक दल ने बायतु पहुंचकर प्रस्तावित हाईवे का पुनः मौका मुआयना किया। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के स्थानीय अधिकारी वीरेन्द्रसिंह, बायतु उपखण्ड अधिकारी वीरेन्द्रसिंह चैधरी के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि पूर्व बायतु प्रधान सिमरथाराम चैधरी, सरपंच भंवरलाल, समाजसेवी रणजीत चैधरी, महावीर जीनगर, बायतु व्यापार मण्डल अध्यक्ष सहित सैकड़ों की तादाद में स्थानीय लोग और व्यापारी मौजुद रहे।
शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह की मौजुदगी में दल के सदस्यों ने मौके पर लोगों से मुलाकार कर उनकी आपत्तियां जानी। इस दौरान लोगों ने एक स्वर में हाईवे के लिए उनकी संपतियों को नुकसान ना पहुंचाने की बात कही। लोगों की पीड़ा को समझते हुए अधिकारियों ने उनके समक्ष दो विकल्प रखे। अधिकारियों ने कहा कि मौजुदा प्रस्ताव में कस्बे से निकलने वाले हाइवे को 100 मीटर चैड़ा करने बजाया 60 से 70 फीट चैड़ा किया जा सकता है, जिससे संपति को आंशिक नुकसान पहुंचेगा।
अधिकारियों ने दुसरे विकल्प के तौर पर बाईपास का प्रस्ताव लोगों के सामने रखा। अधिकारियों ने लोगों को स्पष्ट रूप समझाते हुए कहा कि यदि स्थानीय लोगों बाईपास पर सहमति जताते हुए स्वेच्छा से अपनी जमीन देने को तैयार हो तो इस कार्य का निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सकता है। अधिकारियों ने कहा कि लोगों को उनकी जमीन का बाजार भाव से मुआवजा दिया जाएगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के दल की रवानगी के बाद बायतु उपखंड अधिकारी वीरेंद्रसिंह ने शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह की मौजुदगी में पूर्व प्रधान सिमरथाराम, बायतु सरपंच भंवरलाल, व्यापार मण्डल अध्यक्ष सहित कई स्थानीय लोगों के साथ इस मामलें पर चर्चा की। उपखण्ड अधिकारी ने शिव विधायक के बाईपास के प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा कि इससे वर्तमान में संपति को होने वाले नुकसान से बचने के साथ ही बाईपास का निमार्ण भविष्य के लिए भी बेहतर विकल्प साबित होगा। पूर्व प्रधान सिमरथाराम, बायतु सरपंच भंवरलाल और व्यापार मण्डल अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए इस प्रयास के लिए शिव विधायक के प्रयासों के लिए आभार जताया। पूर्व प्रधान सिमरथाराम ने शिव विधायक का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होनें लोगों की वास्तविक समस्या को समझते हुए उसके समाधान का बेहतर विकल्प निकाला है। उन्होनें कहा कि कस्बें को वर्तमान स्वरूप को बचाने और लोगों को होने वाले नुकसान को बचाने के लिए बाईपास को विकल्प बेहतर और इसके लिए वे स्थानीय लोगों से समझाईश कर इस दिशा में शीघ्र से शीघ्र कार्य शुरू करवाने के लिए हरसंभव मदद और प्रयास करेगें।
क्या है दो विकल्प:
पहले प्रस्ताव में राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने कस्बे से निकलने वाले हाइवे के वर्तमान स्वरूप में परिर्वतन कर उसे 100 मीटर चैड़ा करने बजाय 60 से 70 फीट तक चैड़ा करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई, जिससे संपति को कम से कम नुकसान पहुंचेगा। 
दुसरे प्रस्ताव में प्रस्तावित हाइर्व को कस्बे के मध्य से निकालने के बजाय बाईपास के विकल्प पर विचार करने पर सहमति जताई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी बाईपास के विकल्प का सराहा और उसी पर अपनी सहमति दी।

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