बाड़मेर केयर्न कंपनी समाज के सदस्यों के सशक्तिकरण के लिए काम करती है 

राजस्थान के बाड़मेर क्षेत्र में कैयर्न इंडिया द्वारा तेज और गैस की खोज किए जाने से देश और राज्य सरकार के खजाने में तो अच्छा-खासा योगदान हो ही रहा है इस क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक स्थिति में भारी बदलाव आया है। 
देश की सबसे बड़ी स्वतंत्र अपस्ट्रीम तेल और गैस कंपनी कैर्न इंडिया ने हमेशा अपने सभी स्टेकधारकों के साथ सकारात्मक संबंध रखने में विश्वास किया है। यह जिन क्षेत्रों में काम करती है वहां के लोगों के इनक्लूसिव और स्थायी विकास का मजबूत समर्थक रही है। भारत में कैयर्न इंडिया के ज्यादातर परिचालन राजस्थान के बाड़मेर में स्थित हैं वहां कंपनी समाज के सदस्यों के सशक्तिकरण के लिए काम करती रही है। इसके लिए उन्हें भिन्न कौशलों, धन और मौकों से लैस किया गया है और इस तरह उनमें अपने जीवन और आजीविका को बेहतर करने का आत्मविश्वास भी पैदा हुआ है। इन गतिविधियों से ना सिर्फ समाज के सदस्यों को सहायता मिली है बल्कि बाड़मेर जिले के लोगों के सामाजिक आर्थिक विकास को भी गति मिली है। आज की तारीख तक अपने इनक्लूसिव ग्रोथ रुख से कैर्न इंडिया ने समाज के सात लाख से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाया है और इसके लिए इस क्षेत्र में भिन्न सामुदायिक विकास पहल चलाती रही है।
कैयर्न इंडिया की उपस्थिति के एक नतीजे के रूप में स्थानीय आबादी पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आर्थिक प्रभाव होता रहा है। छिटपुट वर्षा पर निर्भर रहने वाले यहां के भू स्वामी अब तक बाजरा की फसल बोते और उसी को काटने में व्यस्त रहते थे अब उनकी किस्मत खुल गई है क्योंकि उन्होंने अपनी जमीन हार्इड्रोकार्बन के विकास के लिए कैयर्न इंडिया को दे दी है। स्थानीय समाज की उद्यमिता की भावना से आगे बढ़ते हुए सेवा की अर्थव्यवस्था तेजी पर रही है। बाड़मेर में 2003 में गिनती के होटल होते थे वहीं अब 18 होटल हैं। यह उल्लेखनीय है कि अन्य क्षेत्रों से अलग होटल उद्योग कारोबार को संभव करने के लिए बढ़ता रहा है ना कि पर्यटन के लिए। 
बाड़मेर में स्थानीय समुदाय के सशक्तिकरण से जुड़ी खास बातें 
15,000: स्थानीय समाज के सदस्यों को स्थानीय क्षेत्र में रोजगार के लिए कौशल से लैस किया गया है। 
2,500: किसानों को कृषि व्यवहारों को बेहतर करने के लिए दिए प्रशिक्षण से लाभ हुआ है। 
1,000: परिवार जाति से जुड़े कारणों से अलग-थलग पड़े थे अब स्वसेवा डेयरी सहयोग से दूध बेच सकते हैं। 
250: स्थानीय युवा बाड़मेर में कैयर्न समर्थित ग्रामीण बीपीओ में काम करते हैं। 
2,700: घरों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौंचालय बनवाए गए। 
26: महिलाओं ने कैयर्न एंटरप्राइज सेंटर में राजमिस्त्री का काम सीखा है। अब ये महिलाएं स्थानीय गांवों में शौंचालय बनाने में सहायता कर रही हैं। 
300,000: लोग अब कैयर्न समर्थित मोबाइल हेल्थकेयर वैन से अपने दरवाजे पर बुनियादी हेल्थकेयर सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। 
60,000: लोगों की पहुंच वाटर एटीएम के जरिए पीने के साफ पानी तक है। 

कैयर्न इंडिया के कम्युनिटी फोकस 
कैर्न इंडिया इस क्षेत्र में सामुदायिक विकास के तहत स्वास्थ्य, आजीविका / आय बढ़ाने, शिक्षा और संरचना आदि पर ध्यान देती है। अकेले विव 2014-15 में सीएसआर गतिविधियों पर 68.46 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। 
काम करने के लिए कौशल : 
दि कैयर्न एंटरप्राइज सेंटर ने अपने सात सैटेलाइट सेंटर से कौशल प्रशिक्षण कैरियर कौनसेलिंग और रोजगार के मौकों से संपर्क मुहैया कराए हैं और 2007 से अभी तक 15,000 युवाओं के साथ ऐसा किया जा चुका है। 
बाड़मेर जैसे क्षेत्र में जहां आर्थिक मौके सीमित हैं, इस प्रशिक्षण से हजारों युवाओं को कौशल सीखने में सहायता मिली है जिससे उन्हें नौकरी मिल गई या छोटा-मोटा काम शुरू कर दिया। यही नहीं, कौशल प्रशिक्षण और पाठ्यक्रमों को नौकरी से जोड़ने का काम भी किया गया है। इनमें वेल्डिंग, मैसनरी, इलेक्ट्रीशियन, बीपीओ, बैंकिंग आदि शामिल हैं। 
विशेषज्ञों का विकास: कई कॉरपोरेट्स और ख्यातिप्राप्त शिक्षा संस्थाओं के साथ साझेदारी में दि कैर्न सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के जरिए उन्नत कौशल मुहैया कराता है। इनमें अल्प अवधि के डिपलोमा या सर्टिफिकेशन प्रोग्राम और व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शामिल हैं। अप्रैल 2015 की स्थिति के अनुसार 50 से ज्यादा छात्रों ने पढ़ाई पूरी कर ली है और रोजगार के मौके प्राप्त किए हैं। 
महिलाओं ने अच्छा भविष्य बनाया : 
महिलाओं के लिए सामान्य व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों जैसे सिलाई, कढ़ाई और ऐसे कामों से अलग, कैर्न इंडिया ने 26 महिलाओं का सशक्तिकरण किया है और उन्हें प्रशिक्षित राजमिस्त्री बना दिया है। ये महिला राजमिस्त्री अब अपने गांव को खुले में शौंच से मुक्त करने में सहायता कर रही हैं और स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौंचालयों का निर्माण कर रही है। 
खेती को स्मार्ट और अभिनव बनाना : 
कैयर्न इंडिया ने बाड़मेर के किसानों की सहायता के लिए एक योजना शुरू की है। ये किसान यहां सीमित किस्म की फसल उपजाया करते थे। अब यहां के लोगों को खेती से संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण दिए गए हैं जिससे वे कम पानी से मशरूम की खेती कर सकेंगे। राजस्थान जैसे सूखे राज्य के लिए कम पानी की जरूरत वाली यह अच्छी खेती है। घर के पीछे की थोड़ी जगह में भी किसान आसानी से प्रत्येक फसल चक्र में आसानी से 7,200 रुपए कमा सकते हैं। 
पानी की जरूरत वाले समाज के लिए साफ पानी :
कैयर्न इंडिया के रिवर्स ओसमोसिस प्लांट वाटर एटीएम के रूप में काम करते हैं और आज बाड़मेर में कोई 50,000 लोगों तक इनकी पहुंच है। अगले दो वर्षों में योजना है कि इसे बढ़ाकर पूरे बाड़मेर जिले में कर दिया जाए। इस तरह बेहद सस्ती कीमत पर कोई 10 लाख लोगों को पीने का साफ पानी उपलब्ध हो। 
कैयर्न इंडिया के प्रबंधक और सीईओ मयंक अशर ने कहा, “कैयर्न में हमलोग अपनी कारोबारी गतिविधियों में सर्वोच्च स्तर की कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के लिए प्रतिबद्ध हैं और जहां कहीं हम काम करते हैं वहां अंतर लाने की कोशिश करते हैं। कैयर्न अपने इरादों और कार्यों में हमेशा निरंतरता पर आधारित संगठन रहा है। हमारी सीएसआर पहल हमेशा हमारे कारोबारी दर्शन और रणनीतिक योजनाओं का अभिन्न भाग रही है। हमारा मानना है कि हम जहां काम करते हैं उस समाज के संपूर्ण विकास के लिए यह आवश्यक है।”

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