मेक इन इंडिया स्वदेशी की भावना से प्रेरित -मुख्यमंत्री
जयपुर। 
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का 'स्वदेशी आंदोलन' और 'मेक इन इंडिया' एक ही विचारधारा पर आधारित हंै। उन्होंने कहा कि स्वदेशी की मूल भावना से प्रेरित 'मेक इन इंडिया' देश को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की दिशा में हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल है और यह वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। 
राजे मंगलवार को इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में 'महात्मा की स्मृतियां' चल प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद विदेश मंत्रालय तथा थर्ड इंडिया अफ्रीका फोरम समिट की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। चल प्रदर्शनी में बापू की आवाज सुनकर अभिभूत हो उठीं मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदर्शनी बापू के स्वदेशी सिद्घांत को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने चरखा एवं ग्रामोद्योग से लोगों को जोड़कर अंग्रेजों को भारत छोडऩे के लिए मजबूर कर दिया। उस समय जनचेतना का जरिया बनी खादी हमारी ताकत सिद्घ हुई। यह मात्र एक धागा नहीं है बल्कि इसमें लोग अपने सपने बुनते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में खादी, ग्रामोद्योग, कला, पेंटिंग, रंगाई-छपाई एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा देकर नौजवानों को इनसे जोडऩे का काम कर रही है। इसके लिए हमने क्राफ्ट काउंसिल का गठन किया है। उन्होंने प्रदेश की ब्लू पॉटरी, कोटा डोरिया, बगरू पिं्रट एवं खादी उत्पादों की विश्वस्तर पर मार्केटिंग तथा इनमें निवेश पर बल दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं की सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग करने के लिए हमने उन्हें स्किल डवलपमेंट कार्यक्रम से जोडऩे का प्रयास शुरू कर दिया है। दक्षता हासिल होने के बाद युवा रोजगारोन्मुख तो होगा ही साथ ही देश के विकास में अपना योगदान देगा।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में साद्या डांस ग्रुप की नृत्य प्रस्तुति, त्वरित गति से 'मेक इन इंडिया' का प्रतीक चिन्ह (लोगो) उकेरने वाले चित्रकार श्री विलास नायक तथा मांगणियार कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होंने क्षेत्रीय खादी ग्रामोद्योग समिति, दौसा के खादी उत्पादों एवं अम्बर चरखे से मौके पर ही तैयार किए जा रहे धागे की प्रत्यक्ष प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
यह प्रदर्शनी 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबन्दर से रवाना होकर जोधपुर, अजमेर के बाद जयपुर आई है और यहां से पिलानी होते हुए दिल्ली जाएगी। प्रदर्शनी में राष्ट्रपिता के जीवन दर्शन को फोटो, ऑडियो-वीडियो के माध्यम से दर्शाया गया है।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री सुरेन्द्र गोयल, सांसद रामचरण बोहरा, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोपाल बागले सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं स्कूली बच्चे भी उपस्थित थे।

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