ग्राम पंचायत स्तर पर जारी होंगे नरेगा के मस्टररोल
अब तक पंचायत समिति स्तर पर जारी होते थे नरेगा के मस्टररोल, नई प्रक्रिया से मस्टररोल जारी करने मंे सहुलियत होगी।
बाड़मेर।
महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत ग्राम पंचायत के क्रियान्वयन एजेंसी वाले कार्याें मंे अब ग्राम पंचायत स्तर पर डाटा एंट्री के साथ मस्टररोल जारी होंगे। मस्टररोल जारी करने मंे होने वाले अनावश्यक विलंब को रोकने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्देश जारी किए है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 की संशोधित अनुसूची 1 मंे उपलब्ध प्रावधान के अनुरूप राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर मस्टररोल जारी करने का निर्णय लिया है। इसके तहत नरेगा साफ्ट से मस्टररोल जैनरेट किए जाने की शक्तियां कार्यक्रम अधिकारी के पास रहेगी। उन्हांेने बताया कि जिन ग्राम पंचायतांे मंे इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है अथवा जो ग्राम पंचायतंे अन्य ग्राम पंचायत या पंचायत समिति पर स्वयं के स्तर से डाटा एंट्री का कार्य कर सकती है। ऐसी ग्राम पंचायतांे को स्वयं के स्तर से नरेगा साफ्ट पर रोजगार की मांग दर्ज की जाकर कार्य का आवंटन किया जाएगा। साथ ही कार्य आवंटन कर नरेगा साफ्ट के माध्यम से मस्टररोल जैनरेट करने के लिए कार्यक्रम अधिकारी को सूचित करना होगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि कार्यक्रम अधिकारियांे को इस प्रक्रिया के दौरान समीक्षा करने के निर्देश दिए गए है कि ग्राम पंचायत द्वारा प्रगतिरत कार्य के लिए मस्टरररोल जारी की गई है। यदि नए कार्य के लिए मस्टररोल जारी की गई है तो ग्राम पंचायत मंे प्रगतिरत कार्य उपलब्ध नहीं है अथवा उपलब्ध प्रगतिरत कार्याें पर सभी मांग करने वाले व्यक्तियांे को रोजगार पर नियोजन करना संभव नहीं है। ग्राम पंचायत स्तर पर सामग्री मद मंे 40 फीसदी से अधिक व्यय नहीं होगा। कार्य के आवंटन मंे महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 के प्रावधान, केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से तय की गई प्राथमिकताआंे की पालना सुनिश्चित की गई है।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने बताया कि कार्यक्रम अधिकारी समीक्षा के उपरांत ग्राम पंचायत द्वारा किए गए कार्य के आवंटन के अनुरूप अथवा समीक्षा के उपरांत आवश्यकता होने पर अन्य कार्य पर कार्य आवंटन करते हुए कार्याें की मस्टररोल नरेगा साफ्ट मंे जैनरेट करेंगे। लेकिन वे मस्टररोल प्रिंट नहीं करेंगे बल्कि इसकी सूचना संबंधित ग्राम पंचायत को देंगे। एमआईएस मैनेजर नेतसिंह पुरोहित के मुताबिक जिन ग्राम पंचायतांे मंे इस तरह से मस्टररोल जारी करने की कार्यवाही संभव नहीं हो सकेगी अथवा अन्य कार्यकारी संस्थाआंे के लिए मस्टररोल वर्तमान स्थिति के अनुसार कार्यक्रम अधिकारी के हस्ताक्षर मय सील जारी किए जाएंगे। जिन विभागांे मंे विभाग के अधिकारी को कार्यक्रम अधिकारी नामित किया जा चुका है, उनके द्वारा अपने विभाग के लिए मस्टररोल जारी किए जा सकेंगे।
सरपंच एवं ग्रामसेवक के संयुक्त हस्ताक्षर होंगेः पंचायत समिति स्तर से जैनरेट मस्टररोल का प्रिंट संबंधित ग्राम पंचायत जारी करेगी। इस मस्टररोल पर संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं ग्रामसेवक के संयुक्त हस्ताक्षर मय सील करने होंगे। ग्रामसेवक का पदस्थापन नहीं होने अथवा अवकाश पर होने की स्थिति मंे ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत कनिष्ठ लिपिक या ग्राम रोजगार सहायक के हस्ताक्षर मय सील करते हुए मस्टररोल जारी किए जा सकेंगे।
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