पुरावैभव के संरक्षण एवं हैरिटेज विकास के लिए मिले विशेष मदद -मुख्यमंत्री 
जयपुर। 
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने केन्द्र सरकार से राज्य के पुरावैभव के साथ ही जैसलमेर, भरतपुर सहित अन्य ऐतिहासिक किलों के संरक्षण और हैरिटेज विकास के लिए विशेष केन्द्रीय मदद देने का आग्रह किया है। साथ ही पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेश के स्थलों को बेहतर हवाई सेवाओं से जोडऩे की मांग की है।
राजे ने शुक्रवार को नई दिल्ली के परिवहन भवन में केन्द्रीय पर्यटन एवं नागर विमानन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा और केन्द्र एवं राज्य के अधिकारियों के साथ राज्य के पर्यटन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य में मोहनजोदड़ो सभ्यता के समान कालीबंगा जैसे अति प्राचीन क्षेत्र हैं जो देश की महत्वपूर्ण धरोहर है। साथ ही पर्यटन की दृष्टि से राज्य में मौजूद बुद्घकालीन सभ्यता के भग्नावशेषों तथा धार्मिक पर्यटन से जुड़े अन्य क्षेत्रों के विकास की भी नितांत जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान में केन्द्र के सहयोग से क्रियान्वित की जाने वाली पर्यटन से जुड़ी योजनाओं के लिए बकाया धनराशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा राजस्थान के लिए पर्यटन के क्षेत्रों में 5 हजार 650 लाख की ग्यारह परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की थी, जिसमें से अभी तक केवल 20 प्रतिशत राशि ही जारी की गई है। उन्होंने शेष 80 प्रतिशत राशि शीघ्र जारी करने की मांग की।
श्रीमती राजे ने बताया कि राज्य सरकार 'स्वदेशÓ योजना के अंतर्गत 99 करोड़ के प्रस्ताव भेज चुकी है। जिसके तहत सांभर झील एरिया को विकसित किया जाना है। इस परियोजना के लिए 84.34 करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। इसी तरह 'प्रसादÓ योजना के तहत 97 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। जिससे पुष्कर एवं अजमेर में विकास कार्य करवाए जाएंगे। स्वदेश योजना के अंतर्गत कृष्णा सर्किट के विकास के लिए 182 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भेजी जा चुकी है, जिसके अंतर्गत खाटू श्यामजी, गोविंददेव जी, कामां, मचकुंड, पुरानी छावनी और बाग-ए-नीलोफर, धौलपुर का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने राज्य आतिथ्य प्रबंधन संस्थानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सवाई माधोपुर में 1678 लाख रुपये की लागत से बनने वाले संस्थान की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेजी जा चुकी है। इसी प्रकार झालावाड़ में भी इतनी ही लागत से बनने वाले राज्य आतिथ्य प्रबंधन संस्थान की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भेज दी गई है। उन्होंने इस पर शीघ्र कार्यवाही करवाने का आग्रह किया।
राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर केन्द्रीय मंत्रालय को भेजे अपने पत्रों का हवाला देते हुए श्रीमती राजे ने बताया कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों भटनेर किला के विकास कार्य, कालीबंगा में पुरातत्व साइट एवं संग्रहालय बनाने का काम, जैसलमेर किले एवं भरतपुर किले में सुजान गंगा को विकसित करने के कार्यों, कोलवी गुफाओं के संरक्षण एवं विकास कार्यों के साथ-साथ राज्य के अन्य कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर चल रहे रहे विकास कार्यो की गति को बढ़ाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने नागर विमानन मंत्रालय से जुड़े लम्बित मामलों पर राज्य का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य की हवाई सेवाओं से संबंधित कई मुद्दे काफी समय से लंबित है, जिन पर तत्काल कार्यवाही करने की आवश्यकता है, जिससे पर्यटन विस्तार की परियोजनाओं को गति मिल सके।
श्रीमती राजे ने जयपुर को उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर और देश के अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को हवाई सेवाओं से जोडऩे का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, मुम्बई एवं औरंगाबाद हवाई मार्ग पर पूर्व में हवाई सेवाएं संचालित होती थीं। उन्होंने नागौर हवाई पट्टी को सिविल एविएशन एक्ट के तहत पुन: अधिसूचित करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कोटा और जैसलमेर हवाई अड्डों के मुद्दे उठाते हुए मांग की कि इन हवाई अड्डों पर नियमित हवाई सेवाएं प्रारंभ करवाई जाएं। जोधपुर हवाई अड्डा के लिए महानिदेशक, नागर विमानन से वांछित स्वीकृति प्रदान करवाने का आग्रह भी किया।

समयबद्घ तरीके से पूरे होंगे सभी लम्बित काम :- केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री

बैठक में केन्द्रीय पर्यटन एवं नागर विमानन राज्यमंत्री ने अधिकारियों को विश्व पर्यटन मानचित्र पर राजस्थान के पर्यटन महत्व को मद्देनजर रखते हुए राज्य के सभी लंबित कार्यो को समयबद्घ ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए और मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के सुझाव पर केन्द्र एवं राज्य के अधिकारियों की संयुक्त बैठक राजस्थान में भी करने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों के साथ ही घरेलू पर्यटकों और धार्मिक पर्यटन के विकास के लिए कदम उठाए जाएंगे।

बैठक में उद्योग मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, प्रमुख पर्यटन सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव (द्वितीय) टी.रविकांत के साथ ही भारत सरकार के पर्यटन, कला एवं संस्कृति तथा नागर विमानन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने की रिसर्जेंट राजस्थान की तैयारियों की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने जोधपुर हाउस में आयोजित एक बैठक में नवम्बर माह में जयपुर में होने वाले रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप सम्मिट की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देेश दिए।

बैठक में उद्योग मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव सी.एस.राजन, प्रमुख उद्योग सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव (द्वितीय) टी.रविकांत और बी.आई.पी के आयुक्त डॉ. समित शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर बीआईपी की ओर से प्रस्तुतीकरण भी दिया गया।

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