बाड़मेर डामर सड़कों के लिए नरेगा में हो सकेगा ग्रेवल कार्य
बाड़मेर। 
गांवों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना या राज्य प्लान मद से स्वीकृत होने वाली डामर सड़कों के लिए ग्रेवल का काम महात्मा गांधी नरेगा के तहत किया जा सकेगा। इससे सड़कों से वंचित कई गांव, ढाणी, मजरे-टोल खेत समूह आपस में ग्रेवल सड़क से जुड़ सकेंगे। राज्य सरकार ने सार्वजनिक निर्माण विभाग की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और अन्य योजनाओं का महात्मा गांधी नरेगा से तालमेल किया है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने परिपत्र जारी किया है। पिछले काफी समय से पीएमजीएसवाई और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से वंचित रहने वाले गांवों ढाणियों के मार्गों पर सड़क मोबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए सड़कों की जरूरत जताई जा रही है। इसके तहत राज्य सरकार ने तकनीकी रूप से पीएमजीएसवाई एवं भारतीय सड़क कांग्रेस द्वारा प्रकाशित आईआरसीएसपी 2000-02 के मापदंडों के अनुसार ग्रेवल सड़क बनाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा से तालमेल किया गया है। राज्य में सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से कोर नेटवर्क के अनुसार चिह्नित संपर्क सड़क खेत सड़क, नाली सहित आंतरिक सड़कें एवं पुलिया निर्माण कार्य कराए जाएंगे। ऐसे में अब संबद्ध गांवों को डामर सड़क से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने नरेगा मद से ग्रेवल कार्य कराने की व्यवस्था लागू की है। पीएमजीएसवाई तथा राज्य प्लान मद में वर्ष 2016-17 आगामी वर्षों में स्वीकृत होकर असंबद्ध गांव ढाणियों को जोड़ने वाली डामर सड़कों के लिए प्रथम चरण में ग्रेवल सड़कों का कार्य कराया जाएगा। 
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने बताया कि डामरसड़क के लिए ग्रेवल कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदंडानुसार ग्रामीण संपर्क सड़क निर्माण के लिए मनरेगा मद में मिट्टी खुदाई, बिछाने, समतल करने, मिट्टी की कुटाई, ग्रेवल बिछाने रोलर से कुटाई के कार्य होंगे। इसी प्रकार ग्रेवल स्तर तक अनाज उत्पादन केंद्र खेत सड़क निर्माण कार्य, डब्ल्यूबीएम स्तर तक, बारहमासी सड़कों में क्रॉस ड्रेनेज या वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर नाली सहित आंतरिक सड़कें (गौरव पथ), संपर्क सड़कों पर पौधरोपण एवं उनका पांच साल तक रखरखाव कार्य, सड़क मरम्मत, आपदा एवं बाढ़ राहत कार्य में आपदा तैयारी में सुधार करना, सड़कों का जीर्णोद्धार आदि कार्य शामिल हैं जिसमें नरेगा पीडब्ल्यूडी द्वारा कराए जा सकने वाले कार्यों की अलग व्यवस्था तय की गई है। 
सिंगलरोड से जोड़ने का प्रावधान
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गांव, ढाणियों को मार्केट सेंटर से जोड़ने के लिए केवल सिंगल रोड कनेक्टिविटी प्रदान करने का प्रावधान है। गांव, ढाणियों को मार्केट सेंटर से जोड़ने के लिए एक से अधिक रूट की अनुमति नहीं है। चाहे वह कम दूरी, अधिक महत्वपूर्ण एवं आवश्यक ही क्यों ना हो। ऐसे सभी रूट में नरेगा से ग्रेवल या डब्ल्यूबीएम स्तर तक सड़क निर्माण कार्य कराया जा सकता है। 

सड़कांे की हो सकेगी मरम्मतः 
महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सड़कों के स्थायित्व के लिए मरम्मत कार्य भी होंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कार्यों में संवेदक के 5 वर्ष की डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड की समाप्ति पर मरम्मत के कार्य प्रोजेक्ट मोड में नरेगा से ही कराए जाएंगे जिसका तकमीना पीडब्ल्यूडी तैयार करेगा। 

कर्मचारियों को घरों में शौचालय बनाना अनिवार्य होगा

बाड़मेर, 9 जून। राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब घरों में शौचालय बनाना अनिवार्य कर दिया है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब घरों में शौचालय बनाना अनिवार्य होगा. सरकार से पचास हजार का कर्जा लेने वाले काश्तकारों के लिए भी कर्ज लेने के लिए इस शर्त को पूरा करना होगा।
राज्य सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत मार्च 2018 तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने के कार्यक्रम में ऐसी कई शर्तें जरूरी की गई है। कर्मचारियों को 20 जून तक शर्त की पालना के लिए निर्धारित प्रपत्र में उद्घोषणा करनी होगी। इसके आधार पर ही उन्हें जुलाई माह में होने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि, मानदेय,ऋण आदि स्वीकृत के लाभ दिए जाएंगे। जिला कलक्टरों को इस पर तत्काल कार्यवाही करने को कहा गया है। जो कर्मचारी निर्धारित प्रपत्र में उद्घोषणा 20 जून तक देंगे, उन्हें ही जुलाई माह से सालाना वेतन बढ़ोतरी का लाभ दिया जाएगा। संविदा और प्लेसमेंट का सेवाकाल बढ़ाने या निर्धारित वेतन बढ़ोतरी का लाभ भी इसी सूरत में दिया जाएगा. मानदेय पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं, प्रेरकों, महात्मा गांधी नरेगा के मेटों, उचित मूल्य की दुकानदारों के लिए भी इसे लागू किया है। राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम में शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, कृषि, समाज कल्याण, चिकित्सा साक्षरता विभाग के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत तमाम अधीनस्थ कार्मिकों, संविदा और प्लेसमेंट कर्मचारियों, मानदेय पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं, प्रेरकों, महात्मा गांधी नरेगा के मेटों, उचित मूल्य की दुकानदारों को शामिल किया है। 

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