फोटो में देखिये सम के धौरों पर सूर्यास्त के साथ मरू महोत्सव का समापन 
जैसलमेर
सम के लहरदार रेतीले धौरों पर मरु महोत्सव का आनंद पाने आए हजारो देषी-विदेषी सैलानियों ने सूर्यास्त के मनोहारी बीम्बों को देखने का भरपूर आनंद उठाया एवं सूर्यास्त के अस्तांचल दृष्य को देखा एवं अपने कैमरों में कैद किया। मरु मेले के दौरान सैलानियों ने सम सैण्ड्यून्स पर कैमल सफारी का भी खूब लुप्त दठाया।

शानदार रहा पतंगबाजी -षौ
मरु महोत्सव के अंतिम दिवस सम के धोरों पर जोधपुर के ख्यातनाम पतंगबाज अषगर बैलिम ने विभिन्न प्रकार के बड़े-बड़े पतंगों को आकाष में उड़ा कर शानदार पतंगबाजी का करतब पेष किया। इस पतंग -षौ में उन्होंने डेल्टा काईट इन्द्रधनूषी नजारे के रुप में पतंगबाजी पेष की वहीं ताजमहल के दृष्य से समाहित रोकाकू पतंग की उड़ान की। इन पतंगबाजों ने दुनिया की सबसे विष्वसनीय पतंग जो हवा में स्थिर रहती है पैराफोइल पतंग की उडान की जिसको देखने के लिए दर्षको की आंखे आकाष की ओर उठ गई। सभी दर्षको ने इन पतंगबाजो के शो को उत्साह के साथ देखा। पहली बार समुद्र के जानवर जैसी आॅक्टापस लाल एवं परपल रंग की पतंगबाजी भी आकर्षण का केन्द्र रहीं। उन्होंने वैलग पतंगबाजी के साथ 50 मीटर सफेद रंग के परदे की आकृति को लगाकर दर्षको को आष्चर्यचकित सा कर दिया।
अषगर बेलिम ने इस बार एल.ई.डी समाहित नाईट फ्लाईग काईट की रात में शानदार रंगबिरंगी पतंगबाजी पेष कर दर्षको को आकाष की देखने के लिए मजबूर कर दिया। इस पतंगबाजी के नजारे को देषी-विदेषी सैलानियों ने अपने कैमरों में कैद कियां।
सम में उंट दौड रहीं दर्षको के आकर्षण का केन्द्र
मरू महोत्सव के तीसरे दिन सम में सम कैम्प एण्ड रिसोर्ट वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष उपेन्द्रसिंह के नेतृत्व में ऊॅटों की दौड आयोजित की गई जिसमें 36 ऊॅंट दौड धावको ने भाग लिया जिसमें 12-12 ऊॅंटों की तीन हीट दौड रखी गई जिसमें 3-3 प्रतिभागी विजयी रहे। अन्तिम दौड में 9 ऊॅटों की दौड हुई जो 1 किलोमीटर की थी। जिसमें सबसे पहले सादीक खां का उंट तेज दौडता हुआ पहुंचा। इस प्रकार उंट दौड में प्रथम स्थान पर सादीक खां का उंट, द्वितीय स्थान पर साहेब खां का उंट एवं तृतीय स्थान पर जमाल खां का उंट रहा। इन विजेताओं में से प्रथम को 11000/- हजार रूपये का नगद पुरूस्कार एवं सील्ड जिला कलक्टर एन.एल. मीना ने प्रदान की। द्वितीय पुरूस्कार 7100/- रूपये नगद व प्रमाण पत्र जिला एवं सत्र न्यायाधीष ओमप्रकाष सींवर ने प्रदान की एवं तृतीय विजेता को 5100/- रूपये का नगद व प्रमाण पत्र जिला कलक्टर बाडमेर मधुसुदन शर्मा द्वारा प्रदान किया गया। इस रेस के प्रायोजक सम कैम्प एण्ड रिसोर्ट वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह ने करवाया। इस अवसर पर बाडमेर के जिला कलक्टर मधुसुदन शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट खगेन्द्र कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रभुदयाल धानिया, कैलाषदान रतनू, उपखण्ड अधिकारी डाॅ. जी.आर. वैष्णव, उपायुक्त उपनिवेषन गजेन्द्रसिंह चारण, तहसीलदार पीतांबर राठी, खेल अधिकारी लक्ष्मण सिंह तंवर, सम सरपंच जानमखां, पी.एस. राजावत के साथ हजारों की तादात में दर्शक उपस्थित थे।
सम में भव्य आतिशबाजी के साथ ही मरू महोत्सव सम्पन्न
जैसलमेर में जग विख्यात तीन दिवसीय मरू महोत्सव का समापन मंगलवार 03 फरवरी को सम के लहरदार रेतीले धोरो पर माघ पूर्णिमा की चाॅंद तले भव्य लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं आतिशबाजी के साथ हो गया। समापन समारोह में जिला कलक्टर एन.एल.मीना, जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ. राजीव पचार, बाडमेर जिला कलक्टर मधुसुदन शर्मा, उपमहानिरीक्षक सीमा सुरक्षा बल अमित लोढा, एयरफोर्स स्टेषन जैसलमेर के एयर कमाण्डोर चंद्रमोली, अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ शर्मा के साथ ही जिले के प्रशासनिक अधिकारी एवं हजारों की संख्या में देशी विदेशी सैलानियों की साक्षी में सांस्कृतिक संध्या में चार चाॅंद लग गए।
सांस्कृतिक संध्या में ख्यातनाम लोक कलाकारों द्वारा राजस्थानी सस्कृति से ओत प्रोत प्रस्तुत किये गये भव्य एवं आकर्षक लोक गीतों एवं लोक नृत्यों ने दर्शको को मोहित सा कर दिया। सम के लहरदार रेतीले हजारों दर्शको आवागमन से रंग बिरंगा सा दिखाई देने लगा। सांस्कृतिक संध्या में जोधपुर के प्रसिद्ध कालबेलिया राजस्थान जीपीसी कारवा के सुवा देवी कालबेलियाएण्ड पार्टी के संगीत निर्देशन में कालबेलिया नृत्यागंनाओं द्वारा बीन की धून, डफली की ताल एवं ढोलक की थाप पर नागिन की तरह बलखाती हुई शानदार नृत्य प्रस्तुत कर दर्शको की वाह वाही लुटी। इस अवसर पर बाडमेर के अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार स्वरूप पंवार एण्ड पार्टी ने ‘जंवाई जी पावणा’ के हास्यप्रद कला को प्रस्तुत कर सभी दर्षको को हंसी से खिलखिला दिया। मूलसागर के ख्यातनाम कलाकार तगाराम भील ने अलगोजा वादन पर राजस्थानी गीतों की धुनें पेष कर पूरे कार्यक्रम को संगीतमय बना दिया।
माघपूर्णिमा के उफनते चाँद तले इस सांझ में अलवर के अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोक कलाकार बन्नेसिंह एण्ड पार्टी ने रिंग भवाई नृत्य की प्रस्तुत बहुत रौचक पेष की जिसे दर्षकों ने इसकी दाद दी। बन्ने सिंह ने तीखी नंगी तलवारों, कीलों पर खडे होकर शारीरिक संतुलन बनाते हुए अपने हाथ, होठ, पेट, सिर पर साईकिल की रिंग को बहुत तेज गति से घुमाकर दर्षको को आष्चर्यचकित सा कर दिया। अलवर के ही ख्यातनाम कलाकार सुषीला एण्ड पार्टी की खारी डांस की प्रस्तुती भी बहुत ही अच्छी रही।
सांझ में भरतपुर के अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोक कलाकार अषोक एण्ड पार्टी द्वारा राधा कृष्ण द्वारा होली के पर्व पर खेली जाने वाली फूलों की होली का संजीव प्रदर्षन कर पूरे माहौल को फाल्गुनी रस से सरोबार सा कर दिया। कार्यक्रम में जानरा के ख्यातनाम कलाकार थाने खां एण्ड पार्टी ने राजस्थानी गीत ‘ नीम्बूडा ’ गीत की शानदार प्रस्तुति कर सभी को राजस्थानी संस्कृति से रूबरू करवाया। वहीं उसने खडताल एवं ढोलक के साथ जुगलबंदी पेष कर कार्य को और अधिक रोचक बनाया।

आतिषबाजी के नजारों ने दर्षकों की आंखों को आकाष की तरफ खींच लिया
सम के लहर रेतीले धोरो पर सांस्कृतिक संध्या के समापन पर शानदार रंग बिरंगी आतिशबाजी की गई जिससे पूरा आसमान टीम टीमाती रोशनी से झिल मिला। कार्यक्रम का संचालन जफरखां सिंधी ने किया वही अंग्रेजी में कमेन्ट्री गुलनाजखां ने की। कार्यक्रम के अन्त में सहायक निदेशक पर्यटन विभाग विकास पंडया ने मरू महोत्सव में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वालों के प्रति आभार जताया। पूरे सांस्कृतिक कार्यक्रम को हजारों दर्शको ने उत्साह से देखा एवं कार्यक्रमो को अपने केमरों में कैद किया।

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