हाउ इस वाओ फिल्म के निर्माता निर्देशक लेखक धर्मेन्द्र गौतम से साक्षात्कार
मुम्बई
मायानगरी में हर दिन कोई ना कोई नया चेहरा हीरो हीरोइन संगीत डांस विल्लेन हो या निर्माता निर्देशक के रूप में हमें देखने को मिलते हैं। आज हम आपको इन दिनों पीपली लाइव के नत्था को लेकर एक कॉमेडी फिल्म हाउ इस वाओ को बनाकर मनोरंजन की दुनिया में कदम रख रहे निर्माता निर्देशक और लेखक धर्मेन्द्र गौतम ।
साक्षात्कार : जगदीश सैन पनावड़ा
पेश हैं हाउ इस वाओ फिल्म के निर्माता निर्देशक और लेखक धर्मेन्द्र गौतम के साथ एक खास मुलाकात के मुख्य अंश ।

सवाल : सबसे पहले तो धर्मेन्द्र जी आप अपने बारे में बताए ?
जवाब : में आगरा उत्तरप्रदेश से हूँ और मेरे पिताजी टीचर थे और हम लोग पूरे परिवार के साथ आगरा में ही रहते हैं ।

सवाल : आप इस फिल्म लाइन में कब से हैं ?
जवाब : जहाँ तक में समझने लगा हूँ तब से मेरी इच्छा थी की में मनोरंजन के क्षेत्र में जाऊं हमेशा यह सोच रहा था की अचानक एक दिन मुझे एक कहानी मिल गई और वो कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी तभी मेने फैसला लिया की इस कहानी को लेकर फिल्म बनाई जाए फिर क्या था बस हाउ इस वाओ नाम देकर शूटिंग शुरू की और पहुँच गए फिल्म लाइन में ।

सवाल : आपकी पहली फिल्म हाउ इस वाओ का टाइटल कैसे मिला और यह किस तरह की फिल्म हैं ?
जवाब : हमने आज के जमाने में इंसान को पैसे के पीछे भागते हुए देखकर इस फिल्म का टाइटल रखा हैं। इंसान पैसे के लिए किस तरह दौड़ता हैं वही इस फिल्म में हैं और हमने इस फिल्म को थोडा अलग तरीके से थोडा कॉमेडी और सच्चाई के क्षेत्र की कहानी में दम भरा हैं यह फिल्म दर्शको को जरूर पसंद आएगी ।

सवाल : इस फिल्म में के रोल में ओमकार दास पीपली लाइव के नत्था को लेने का विचार कैसे आया ?
जवाब : हाँ यह विचार हमने आमिर खान की पीपली लाइव फिल्म को देखने के बाद हमे लगा की इसमें जो नत्था का किरदार निभा रहे ओमकार दास हमारी फिल्म में एकदम सही किरदार निभा सकते हैं तब नत्था को हमने फाइनल किया हाऊ इस वाओ के लिए।

सवाल : इस फिल्म में ओमकरदास नत्था ने किसका किरदार निभाया हैं ?
जवाब : इस फ़िल्म में ओमकरदास ने पूर्णिया का किरदार किया हैं जो बहुत ही प्रभावशाली हैं जैसा हमने सोचकर ओमकार दास को लेने का फैसला लिया था ठीक वैसा ही एक दम सही तरह से नत्था ने पूर्णिया का किरदार किया हैं ।

सवाल : क्या आपकी कोई और आने वाली फिल्म हैं या बनाने वाले हैं ?
जवाब : फिलहाल तो हमारे पास हाउ इस वाओ इस समय हैं इसके बाद हम फरवरी मार्च 2015 से नई फिल्म शुरू कर रहे हैं।

सवाल : आपकी इच्छा से फिल्म लाइन में आए या कोई और कारण से ?
जवाब : जैसा की मेने बताया की शुरू से ही मेरी इच्छा थी मनोरंजन के क्षेत्र में जाने की पर इसके साथ साथ मुझे लगा की फिल्म लाइन में कभी आर्थिक मंदी नही होती इसी चीज को सोचकर फिल्म लाइन में आ गया।

सवाल : इस फिल्म को बनाने के लिए किसी एक का खास योगदान रहा हो ऐसा कोई ?
जवाब : मुझे इस फिल्म को पूरी बनाने में किसी एक का नही बल्कि मेरी फिल्म से जुड़े हर एक जने और खासकर पूरी टीम ने अपना योगदान और साथ दिया ।

सवाल : आपको इस फिल्म को बनाते समय कोई ऐसी बात या वाक्या जो आपकी जिंदगी में हमेशा याद रहेगा ?
जवाब : मुझे इस फिल्म को बनाकर यह इच्छा थी की मेरी फिल्म मेरे पिताजी देखे पर अफसोस की इस फिल्म को में मेरे पिताजी को नही दिखा सका यह फिल्म बन रही थी उस समय मेरे पिताजी का निधन हो गया था। मेने यह फिल्म मेरे पिताजी को समर्पित की हैं।

सबसे आखिर में एक सवाल धर्मेन्द्र गौतम जी

सवाल : इस फिल्म का टाइटल गाना आपने जो लिया हैं पैसा बोलता हैं वो कादर खान की एक फिल्म काला बाजार में भी हैं क्या कहानी भी वैसी ही हैं ?
जवाब : इस फिल्म का टाइटल सॉन्ग हमने जो लिया हैं इसमें जो गाने का मुखड़ा भले ही पुराने गाने से मिलता हैं पर इसकी लय और बोल एकदम अलग हैं और इस फिल्म की कहानी मध्यप्रदेश के ग्रामीण किसानो पर केंद्रित हैं पुरानी फिल्म काला बाजार से एक दम अलग हैं ।

धर्मेद्र गौतम जी आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा आपको हाउ इस वाओ फिल्म की कामयाबी की अग्रिम बधाई ।

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