देश में बंजर भूमि के सुधार हेतु सार्थक येाजना बने-कर्नल सोनाराम 
बाडमेर/जैसलमेर 
बाडमेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद कर्नल सेानाराम चैधरी ने गुरूवार केा संसद के प्रष्नकाल में सवाल उठाते हुए मांग की कि मैं जिस क्षेत्र से प्रतिनिधत्व करता हॅॅू वह क्षेत्र 60000 वर्ग किलोमीटर भूमि का हैं जिसमें ेस 35 से 40हजार वर्ग किलोमीटर भूमि अनुपयोगी लगभग बंजर प्राय है। राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा मरूस्थलीय, रेतीली, बंजर भूमि के सुधार हेतु कई कार्यक्रम चलाये जैसे मरू क्षेत्र विकास कार्यक्रम डी0डी0पी, सुखा संभावीत एवं ग्रस्त क्षेत्र विकाय कार्यक्रम डी0पी0ए0पी0 एकीकृत बंजर भूमि विकास कार्यक्रम नया चलाया गया और वर्तमान में एकीकृत जलग्रहण परियोजना के नाम से भी कार्यक्रम चलाये जा रहे है। परन्तु यदि सही मायने में आंकलन किया जाता है तो धरातल पर कुछ भी नहीं हो पाया है। यदि 2013 व 2014 के आंकडे देखे तो इन येाजनाओं में बजट आवंटन भी नहीं हो पाया है। मेरे क्षेत्र में बरसात बहुत ही कम होती है। इसलिए मेरी मांग यह है कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार केा एकीकृत बंजर भूमि विकास हेतु एक सषक्त तंत्र का निर्माण कर उसका सुपवीजन प्रोपर कर इस योजना में पर्याप्त मात्रा में धनराषि का प्रावधान किया जावे और भू संरक्षण के कार्य में बरसाती पानी के संरक्षण केा प्राथमिकता दी जावे।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मन्त्री चैधरी बिरेन्द्रसिंह ने आष्वास्त करते हुए बताया कि आई डब्ल्यु डी पी येाजना केा आई डब्ल्यु एम पी में मर्ज कर दिया गया है। साधारणत्या बजट का प्रावधान मांग अनुसार कर दिया गया है। देष में 46.70मिलीयन हैक्टर जमीन बंजर है। उसमें से 5.76मिलियन हैक्टर भूमि राजस्थान की है जिसके लिए 1448 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। सभी येाजनाओ केा एकीकृत कर प्रदेष में मरू भूमि के सुधार हेतु कदम उठाये जा रहे है।


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