किसानों को नई कृषि तकनीक से जोड़ेगी सरकार- मुख्यमंत्री

जयपुर। 
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि कृषि के क्षेत्र में देश और दुनिया में जो नये प्रयोग एवं आविष्कार हो रहे हैं, उनका लाभ राज्य के किसानों को मिले इसके लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमारे किसान कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीक का पूरा लाभ उठाकर समृद्घ एवं प्रगतिशील बनें।
श्रीमती राजे मंगलवार को जयपुर की बस्सी तहसील के ढिंढोल में बीज विधायन केन्द्र एवं ''सेंटर ऑफ एक्सीलेन्सÓÓ प्रशिक्षण केन्द्र के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हम यह चाहते हैं कि आने वाले समय में राजस्थान का किसान गर्व से सिर ऊंचा करके अन्य प्रदेशों के किसानों को यह बता सके कि हम कृषि क्षेत्र में नये तौर-तरीकों एवं तकनीक को अपनाकर आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2005 में जो सपना देखा था वो ढिंढोल में जैतून एवं दूसरी खेती के रूप में साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि उस समय हमने सोचा कि इजराइल जैसे पानी की कमी वाले रेगिस्तानी इलाके में लोग आपस में मिलकर कृषि के क्षेत्र में नवीन तकनीक के आधार पर अलग हटकर कार्य कर रहे हैं तो यह अपने राजस्थान में संभव क्यों नहीं हो सकता। तब हमने भारत सरकार के कृषि मंत्री से चर्चा करके यह कोशिश की कि इजराइल का एक दल राजस्थान में आये और यहां की कृषि को देखे तथा हमारी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप सुझाव दे।

गुजरात, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उड़ीसा में जा रहे है राजस्थान से पौधे

श्रीमती राजे ने कहा कि इजराइल के कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव के बाद हम वहां से जैतून का एक पौधा लाये तो कई लोगों ने इसे मजाक समझा। आज वहीं पौधा 6-8 फीट का आकार लेकर हमारे सपने को साकार कर रहा है। इतना ही नहीं, हम जैतून के पौधे हिमाचल प्रदेश, गुजरात और जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों को भी उपलब्ध करवा रहे हैं। कई प्रदेशों के प्रगतिशील किसान यहां आकर नर्सरी का अवलोकन भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैतून का तेल हृदय रोग एवं मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसकी मांग में निरन्तर वृद्घि हो रही है। किसानों को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए।
श्रीमती राजे ने कहा कि बीजों का प्रमाणीकरण आवश्यक रूप से होना चाहिए जब बीज किसान तक पहुंचे तो उसके यहां से कोई शिकायत नहीं आये। सरकार ने बीजों के प्रमाणीकरण की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले बीजों का भी प्रमाणीकरण जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में व्यक्ति रासायनिक उर्वरक से पैदा हो रहे फल एवं सब्जियों को उपयोग में लेना पसंन्द नहीं करते हैं, इससे कई तरह की बीमारियां होने की आशंका रहती है। उन्होंने समारोह में उपस्थित किसानों से अपील की कि वे अपने खेत के एक हिस्से में जैविक खाद का उपयोग कर इनका उत्पादन करें। साथ ही पानी की बचत के लिए फव्वारा सिंचाई एवं बूंद-बूंद सिंचाई पद्घति को उपयोग में लें।
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य में नदियों को जोडऩे के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। इसका सुखद परिणाम आने वाले दिनों में सामने आयेगा। नदियों के आपस में जुडऩे से भूजल स्तर ऊंचा उठने के साथ डार्क जोन क्षेत्र भी समाप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय सोलर मिशन के अन्तर्गत सोलर पम्प के लिए अनुदान की राशि 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने, बंजर भूमि के विकास के लिए लगभग 1400 करोड़ रुपये, वर्ष 2014-15 में समन्वित जल ग्रहण प्रबन्धन कार्य के तहत 3 लाख 69 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल भूमि सुधारने, अगले 5 सालों में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 1000 करोड़ से अधिक के निवेश, गेंहू और जौ के बीज उत्पादन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ ही 200 से 400 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त भुगतान, दलहन और तिलहन के बीज की पैदावार पर अधिकतम बाजार मूल्य से 500 से 750 रुपये के अतिरिक्त प्रीमियम भुगतान, राजस्थान राज्य भण्डार निगम द्वारा 3 लाख 10 हजार मैट्रिक टन भण्डारण क्षमता के गोदामों के निर्माण पर 150 करोड़ रुपये के व्यय तथा 100 ग्रामसेवा सहकारी समितियों को गोदाम निर्माण के लिए 10 लाख रुपये प्रति समिति की दर से वित्तीय सहायता देने की योजनाएं बनाई हैं।

इजराइल पद्घति से की जा रही खेती का अवलोकन

मुख्यमंत्री ने ढिंढोल में इजराइली पद्घति से पैदा की जा रही जैतून, शिमला मिर्च, चेरी टमाटर, स्ट्रोबेरी, बैंगन, ककड़ी एवं जरबेरा के फूलों की पैदावार को देखा। मुख्यमंत्री ने अनुकूलन फार्म तथा मधुमक्खी पालन का भी अवलोकन किया। उन्होंने 20 मार्च, 2008 में अपने हाथों से लगाया जैतून का पौधा भी देखा जो काफी पनप चुका है।

कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2014-15 के बजट में कृषि कार्य करते समय किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर आश्रित को मिलने वाली सहायता राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया है। यह राशि अब पांच लाख रुपये की जायेगी।

कार्यक्रम में सांसद रामचरण बोहरा तथा हरीश मीणा, विधायक लक्ष्मी नारायण मीणा, शंकर शर्मा, जगदीश मीणा, पूर्व विधायक कन्हैयालाल मीणा, अति. मुख्य सचिव (कृषि) अशोक सम्पतराम, प्रमुख शासन सचिव (उद्यानिकी) बी.के. मीणा, सचिव एवं आयुक्त (कृषि) कुलदीप रांका, लालगढ़ गांव के सरपंच रणजीत मीणा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण, प्रगतिशील किसान, गणमान्यजन व ग्रामीण उपस्थित थे।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top