पुष्कर मेला रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ संपंन
अजमेर। 
अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर पशु मेला कार्तिक पूर्णिमा स्नान एवं पुरस्कार वितरण समारोह के साथ गुरूवार को सम्पन्न हो गया। 
2014 pushkar fair finished with colorful dayमेला मैदान पर आयोजित रंगारंग समापन समारोह में विविधसांस्कृतिक प्रस्तुतियां, परेड एवं पशु परेड आकर्षण का केन्द्र रही। प्रशासन द्वारा मेले में आए श्रद्घालुओं, पशुपालकों व देशी विदेशी पर्यटकों के लिए किए गए बेहतरीन इंतजाम से मेला हर्षोल्लास एवं उमंग के साथ सम्पन्न हो गया। 
कृषि पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश्वर सिंह ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मेले देश की सांस्कृतिक धरोहर हंै तथा इनके गौरवशाली अतीत व सांस्कृतिक समागम से परिचित होने का मौका मिलता है। 
उन्होंने कहा कि पुष्कर मेला बहुआयामी है यहां संस्कृति, धर्म, पर्यटन एवं पशु विक्रेताओं का अनूठा संगम देखने को मिलता है। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचते हंै। 
समारोह की अध्यक्षता करते हुए संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर ने कहा कि पुष्कर मेलें में संस्कृति के कई रूप रंग एक ही स्थान पर नजर आते हंै। मेलें जहां एक और पंचतीर्थ स्नान का आध्यात्मिक महत्व है वहीं पशुपालकों, पशुओं का जमावड़ा इसे अलग ही स्वरूप दे देता है। देशी विदेशी सैलानी मेले के दौरान भारतीय संस्कृति के विविध रूपों से यहां परिचित होते हंै। 
समारोह के दौरान पुष्कर की विद्यालयी छात्राओं ने राजस्थानी घूमर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। इसके बाद कला जत्थों की परेड में ऊंट पर सवार बीकानेर के रोबीलों ने अपनी मूछों एवं वेश भूषा से काफी प्रभावित किया। 
कच्छी घाोड़ी नृत्य एवं नरेन्द्र सोनी व कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया भवई नृत्य रोचक था। झंडाराम व उनके दल ने पारम्परिक परिधानों में लोकदेवता तेजाजी हेतु किया जाने वाले नृत्य प्रस्तुत किया। बारां के गोपाल धानुका के नेतृत्व में स्वांग कलाकारों ने काफी वाहवाही लूटी। इसी प्रकार बाडमेर के जीवाराम व दल ने गैर नृत्य, श्याम मित्रमंडल चूरू के कलाकारों ने चंग व ढप्प की थाप पर नृत्य, कालबेलिया नृत्य एवं ऊंट सज्जा में प्रख्यात अशोक टांक ने श्रृंगारित ऊंट के साथ आकर मेला मैदान पर देशी विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति के अनूठे रूप से परिचय कराया। 
इस अवसर पर सर्वोष्ठ गीर पशु, सर्वोष्ठ दुधारू पशु, हालस्टिक गाय के पशुपालकों को पुरस्कार प्रदान किए गए। पशुपालकों ने विजेता पशुओं के साथ पशु परेड में भाग लिया। इसके बाद मेला मैदान पर ऊंट परेड, टग ऑफ वार, जलेबी रेस, वॉटर पॉट रेस आदि प्रतियोगिताएं भी हुई जिनका सैलानियों एवं स्थानीय लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

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