धरोहर बचेगी तो संस्कृति जीवित रहेगी
बाड़मेर 
इण्टेक के बाड़मेर अध्याय की बैठक गुड़ाल होटल में बाड़मेर रावत त्रिभुवनसिंह की उपस्थिति में सम्पन्न हुई जिसमें इण्टेक सदस्यों के साथ पर्यटन, पुरातत्व, इतिहास, कला, संस्कृति आदि से कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। बैठक को सम्बोधित करते हुए रावत त्रिभुवनसिंह ने कहा कि बाड़मेर जिला विभिन्न प्राचीन धरोहरों से भरा पड़ा है जिसकी रक्षा करने के लिए इण्टेक को अधिक सक्रिय होना होगा एवं परिश्रम करना पड़ेगा तभी हमारी धरोहर बचेगी और हमारी संस्कृति जीवित रह सकेगी। उन्होनें कहा कि थार में बिखरी एवं लुप्त होती कई प्रकार की धरोहर को बचाने के साथ-साथ उसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर आम नागरिकों को उसकी जानकारी देने की पहल करनी होगी तभी बाड़मेर की धरोहर देश के साथ-साथ विदेशों के लिए आकर्षक बनेगी। इण्टेक को इस सम्बन्ध में अपने स्तर पर भव्य आयोजन समारोह एवं मेले के रूप में आयोजित करने की पहल करनी चाहिए।

बाड़मेर इण्टेक अध्याय के पूर्व समन्वयक प्रकाश शर्मा ने बताया कि बाड़मेर इण्टेक अध्याय ने पूर्व में यहां की धरोहरों का संकलन ही नहीं किया अपितु उसे बचाने का भी भरपूर प्रयास किया है। यहां की धरोहर को जीवित रखने के लिए इण्टेक प्रयत्नशील रहा है।

समाजसेवी भूरचन्द जैन ने इस अवसर पर बाड़मेर जिले के पर्यटन, पुरातत्व, धार्मिक स्थलों की जानकारी देते हुए प्राचीन स्थल जो जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं उन्हें बचाने के लिए न केवल इण्टेक को प्रयत्नशील होना है अपितु उसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए उन पर छोटे-छोटे प्रकाशन निकालने की पहल करनी चाहिए।

बैठक में प्रेमसिंह राणीगांव ने कहा कि सिवाना के ऐतिहासिक किला परिसर के आसपास हो रहे खनन आदि कार्यों से किले को खतरा उत्पन्न हो रहा है जिसके सम्बन्ध में जिला प्रशासन को कई बार अवगत करवाने पर भी इसे बचाने के कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। इस पर रोष व्यक्त करते हुए उन्होनें कहा कि यदि सिवाना किले की समय रहते सुरक्षा नहीं की तो यह नष्ट हो जाएगा।

चैहटन के हेमराज खत्री ने बताया कि चैहटन के सबसे प्राचीन शिल्पकला के कपालेश्वर महादेव मंदिर पर भक्तों द्वारा खड्डी, पेन्ट आदि से पोतने से उसकी प्राचीनता नष्ट हो रही है। वहीं इसकी शिल्पकला भी लुप्त हो रही है। इस धरोहर को बचाने के लिए समय रहते पहल करनी चाहिए।

इण्टेक की इस महत्वपूर्ण बैठक में बाड़मेर अध्याय के सलाहकार पुरूषोत्तमदास खत्री ने कहा कि हमारा पहनावा, खानपान, रहन-सहन, हमारी प्राकृतिक सम्पदा जैसी अमूल्य धरोहर आज धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। उसे संरक्षित एवं सुरक्षित रखने के लिए इण्टेक को अगुवाई करनी चाहिए।

इस अवसर पर सांगसिंह लुणु ने कहा कि हमारे अमूल्य पेड़-पौधे जो यहां के जनजीवन के लिए आवश्यक अंग बने हुए थे, आज धीरे-धीरे नष्ट हो रहे हैं। यदि इसे समय रहते नहीं बचाया गया तो इसकी प्रजातियां लुप्त हो जाएंगी।

इण्टेक बाड़मेर अध्याय के सह संयोजक संजय रामावत ने कहा कि बाड़मेर जिले की सभी प्रकार की धरोहर के संरक्षण के लिए इण्टेक पूरे जिले में समय रहते सर्वे करवाकर उसकी रक्षा की हरसंभव पहल करेगा। अध्याय के सत्यन सोनी ने बैठक का संचालन करते हुए आगामी इण्टेक अध्याय बाड़मेर की रूपरेखा बताते हुए नवम्बर में आयोजित विद्यार्थियों के लिए बाड़मेर जिले की धरोहर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवाने की जानकारी दी।

अध्याय के संयोजक यशोवर्धन शर्मा ने बैठक में उपस्थित सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए इण्टेक से जुड़ने के साथ अन्य इच्छुक व्यक्तियों को जोड़ने की पहल पर बल दिया। उन्होनें महावीर पार्क में पूर्व में बने संग्रहालय की दयनीय स्थिति बताते हुए कहा कि इण्टेक को इसे व्यवस्थित बनाने के लिए सम्बन्धित विभागों से सम्पर्क कर शुरू करवाने का प्रस्ताव रखा जिसे सभी ने स्वीकार किया।

इण्टेक बाड़मेर अध्याय की बैठक में सुमेर सोलंकी, चुन्नीलाल खत्री, पंकज मथराणी, जितेन्द्र अग्रवाल, पंकज कुमार, जनकसिंह, कृष्णपालसिंह व देवराजसिंह सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

इण्टेक की कार्यकारिणी गठित-

इण्टेक बाड़मेर अध्याय की नई कार्यकारिणी का गठन इण्टेक के सलाहकार रावत त्रिभुवनसिंह की अध्यक्षता में इण्टेक के संयोजक यशोवर्धन शर्मा ने किया जिसके अनुसार कार्यकारिणी सदस्य अध्याय सचिव प्रेमसिंह, सह संयोजक सत्यन सोनी, जोरसिंह चैधरी, राजेन्द्रसिंह सिलोर, आलोक सिंहल, पंकज चितारा, जितेन्द्र बंसल, प्रभुसिंह राठौड़, हेमराज खत्री, चुन्नीलाल खत्री, सांगसिंह लुणु, मनोहरसिंह कोरना, बद्रीप्रसाद शारदा एवं संजय रामावत को बनाया गया है। बाड़मेर अध्याय के सलाहकार मण्डल में रावत त्रिभुवनसिंह, भूरचन्द जैन, ओमप्रकाश मुथा, प्रकाश शर्मा एवं पुरूषोत्ततदास खत्री को सम्मिलित किया गया। वहीं संरक्षक रावल किशनसिंह जसोल एवं महंत प्रतापपुरी को बनाया गया है।

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