महाराष्‍ट्र विस में शिवसेना-भाजपा के विधायक आए आमने-सामने

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के पहले ही दिन शिवसेना और भाजपा के विधायक आमने-सामने आ आए। फड़नवीस सरकार के मराठी स्कूलों में उर्दू पढ़ाने के फैसले पर शिवसेना के सदस्यों ने कड़ा ऐतराज जताया है।
केसरिया साफा पहने शिवसेना विधायक विधानसभा में स्कल कैप लेकर आए हैं। वे इसे राज्य के मंत्री एकनाथ खड़से को भेंट करेंगे। सरकार में शामिल होने के ऊहापोह के बीच शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बनाने का नया दांव चला है। आज और कल दो दिनों के लिए नए सदस्यों को शपथ दिलवाया जाएगा। इसके बाद 12 तारीख को सुबह स्पीकर का चुनाव होना है और उसी दिन फड़नवीस सरकार को बहुमत भी साबित करना है।

रविवार को शिवसेना ने 12 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया था कि भाजपा साफ करे कि वो किसके साथ जाएगी। शिवसेना ने भाजपा को दो दिन का मौका देते हुए शर्त रखी है। उसका कहना है कि अगर भाजपा एनसीपी का साथ लिया तो शिवसेना विपक्ष में बैठेगी।

उधर, फड़नवीस पहले ही साफ कर चुके हैं कि विश्वासमत से पहले किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई जाएगी और विश्वासमत के बाद ही कैबिनेट का विस्तार होगा।



शिवसेना विधायकों ने शिवाजी के नारे लगाये तो वहीं बीजेपी के विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाए। इस बीच सभी शिवसेना के विधायक विपक्ष की सीट पर जाकर बैठ गए। इसके पहले केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से जब इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि कुछ समस्याएं अपना हल खुद ढूंढ लेती है। उधर, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि हमने भाजपा को समर्थन इसलिए दिया है ताकि महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार रहे और मध्यावधि चुनाव की नौबत नहीं आए।



इससे पहले राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने सुबह 10 बजे राजभवन में जीव पांडू गावित को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के पद की शपथ दिलाई।



मालूम हो कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा और सहयोगी दलों के 122 विधायक, शिवसेना के 63 और एनसीपी के 41 विधायक हैं। विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जिसे सरकार में रहने के लिए 145 का आंकड़ा चाहिए।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top