उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबन्धक आर. सी. अग्रवाल ने किया जोधपुर का दौरा 
जोधपुर 
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबन्धक आर. सी. अग्रवाल द्वारा मंगलवार को जोधपुर स्टेशन, नवनिर्मित मशीनीकृत रेलवे लॉउण्ड्री, रेलवे अस्पताल, रेलवे कैरिज व वैगन कारखाना, नवनिर्मित लूनी- भगत की कोठी दूसरी लाइन,लूनी तथा भगत की कोठी रेलवे स्टेशन तथा मंड़ल रेलवे कन्ट्रोल आफिस का दौरा व निरीक्षण किया । 
उत्तर पश्चिम रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी गोपाल शर्मा के अनुसार जोधपुर दौरे पर पंहुचे आर. सी. अग्रवाल का रेलवे सुरक्षा बल द्वारा गार्ड आफ ऑनर देकर स्वागत किया गया । मंड़ल रेल प्रबन्धक श्री राजीव शर्मा ने गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया । श्री अग्रवाल ने स्टेशन की साफ सफाई का निरीक्षण किया। इसके पश्चात्‌ श्री अग्रवाल रेलवे कैरिज डिपो स्थित नवनिर्मित मशीनीकृत रेलवे लॉउन्ड्री पंहुचे जहॉ वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर ( कैरिज व वैगन ) श्री पुष्कर सिगंला द्वारा लॉउण्ड्री की कार्यप्रणाली संबधी जानकारी एक प्रेजेन्टेशन द्वारा दी गई । श्री अग्रवाल ने इसकी कार्यप्रणाली तथा साफ होकर निकले हुए चद्दर को देखते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि यात्रियों को उच्च किस्म का साफ लिनन उपलब्ध होगा । रेलवे अस्पताल में रेलवे बैंक द्वारा रेलवे अस्पताल को एम्बूलेंस भेंट की गई । रेलवे अस्पताल में वार्ड में एयर कूलिंग सिस्टम प्रणाली का निरीक्षण करते हुए श्री अग्रवाल ने वार्ड में भर्ती मरीजों से आत्मीयता से कुशल क्षेम जाना । श्री अग्रवाल ने रेलवे कारखाना में ए.सी. कोच मरम्म्त शॉप तथा कोच बाडी रिपेयर शॉप का कार्य देखा । रेलवे कन्टॉल ऑफिस में स्मार्ट कार्ड द्वारा प्रवेश , डाटा मैनेजमेंट इन्फार्मेंशन सिस्टम , मेडता में डेमू रैक के रखरखाव शेड , इल्कट्रोनिक इटंर लॉकिंग का निरेक्षण किया । 
मंड़ल अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि सभी रेलकर्मी लगन से अच्छा कार्य कर रहे है इसके लिये सभी बधाई के पात्र है । उत्तर पश्चिम रेलवे की आय व लदान सहित सभी क्षेत्रों में पिछले 4 वर्षों से 20% लगातार बढोत्तरी हुई है । यह प्रसन्न्ता व लगन से किये गये प्रत्येक रेलकर्मी के योगदान से संभव हुआ है । 
इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबन्धक अभय कुमार गुप्ता ने स्वागत किया तथा जोधपुर मंडल पर पूरी की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। मंडल रेल प्रबन्धक राजीव शर्मा ने अग्रवाल के कुशल मार्गदर्शन को उत्प्रेरणा का स्रोत बताते हुए उनका आभार व्यक्त किया।

1 comments:

  1. ��अहमदाबाद को ग्रीन सिटी बनाने में बाड़मेर महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है,��
    ��भारत देश का सर्वाधिक तेल उत्पादक बाड़मेर जिला,
    ��कोयला उत्पादक बाड़मेर जिला,
    ��जिप्सम उत्पादक बाड़मेर जिला,
    ��सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बाड़मेर जिला,
    ��भारत का क्षेत्रफल के अनुसार पांचवा सबसे बड़ा बाड़मेर जिला,
    ��जैन समुदाय का प्रमुख स्थल नाकोड़ाजी भी बाड़मेर जिले में,
    ��ब्रह्माजी का धाम आसोतरा, बाड़मेर जिले में,
    ��लाखों लोगो की आस्था का केंद्र श्री जसोल धाम बाड़मेर जिले में,
    ��रिफायनरी लगाने की प्रबल सम्भावना बाड़मेर जिले में,

    फिर भी बाड़मेर जिला बुनियादी सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ता नज़र आता है,

    बाड़मेर, जैसलमेर, चौहटन, बायतु, समदड़ी एवं बालोतरा के आसपास क्षेत्रों से कुल मिलाकर १०० बसें, अहमदाबाद, सूरत, नवसारी इत्यादि स्थानों के लिए प्रतिदिन रवाना होती है,
    इनमें अधिकांशतः ९०% निजी बसें होती है, जो बिना परमिट चलती है,
    सारी बसों की हालत तो पूछो मत, यात्री जो कष्टदायी यात्रा से गुजरते है, वही इनका हाल बता सकते है, लूट खसोट मची हुई है,
    ��पर्यावरण के लिए खतरा��

    ये सारी बसें अहमदाबाद होकर गुजरती है, तो सोचो की प्रदुषण की मात्रा कितनी होगी, ट्रेफिक जाम कितना होगा, इसका अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है, बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों की ९ - १० घंटों की यात्रा कितनी कष्टदायी होती होगी ?
    ऊपर से दुर्घटना का खतरा हमेशा, यात्रिओं से मनमानी लूट, अफसरों की मौज़ ही मौज़,
    ��उपरोक्त समस्याओं का हल��
    अहमदाबाद से बाड़मेर के लिए प्रतिदिन २ रेल चलायी जाय, तो इस सब समस्याओं का हल हो सकता है,
    १. एक वाया भीलड़ी होते हुए,
    २. एक पाली - मारवाड़ होते हुए,
    ३. बाड़मेर से साप्ताहिक दक्षिण भारत (मुम्बई, चेन्नई, कोयम्बटूर, कोचीन,) हेतु रेलें चलायी जाय तो रेलवे को अधिक राजस्व तो मिलेगा ही, प्रवासी बंधुओं को राहत के साथ साथ प्रदुषण, परेशानियों, से मुक्ति के अलावा ज्यादा से ज्यादा मुसाफिरों को अनगणित खर्चो से भी मुक्ति मिलेगी,
    पश्चिमी राजस्थान से दक्षिण भारत जाने वाले सभी प्रवासी का एकमात्र जरिया अहमदाबाद है, चाहे ✈ वायु मार्ग हो तो भी, चाहे �� रेल मार्ग हो तो भी,
    यदि अहमदाबाद को हरा भरा बनाना है, प्रदुषण मुक्त शहर बनाना है तो बाड़मेर अहमदाबाद रेल मार्ग शुरू करना ही एकमात्र विकल्प है, सोचो अगर प्रतिदिन २०० बसों का आवागमन, १५०० रिक्शा का आवागमन यदि पूर्ण रूप से बंद हो जाय हो तो अहमदाबाद को ग्रीन सिटी बनाने में मुख्य योगदान हो सकता है,
    ��फायदे��
    डीज़ल की छीजत कम होगी, भारतीय रेल को राजस्व मिलेगा, प्रदुषण न के बराबर होगा, ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी, यात्रा सुखदायी होगी, दुर्घटना ना के बराबर होगी, निजी बस वालों की मनमानी से मुक्ति मिलेगी,
    ��प्रिय मित्रों, पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,
    मेरी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे, तो इसका असर ज्यादा होगा, शेयर करने में कंजूसी ना करें,��
    ✅✅दक्षिण भारत जैन समाज एवम् जनहित में जारी✅✅
    पुरूषोत्तमदास छाजेड़

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