सांसदों को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला
नई दिल्ली।
मोदी सरकार ने संसद की कार्रवाई को लेकर बड़े फैसले लेने के संकेत दिए हैं।अगर इस फैसले को अनुमति मिल जाती है तो संसद में सांसदों को 100 दिन काम करना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही कहते आए हैं कि जनता ने हमें काम करने के लिए संसद पहुंचाया है और वो काम करने से कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।
संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि संसद की कार्यवाही साल में कम से कम 100 दिन चलनी चाहिए और साथ ही में उन्होंने सांसदों के आचरण को लेकर भी सुझाव दिया है।
जेटली के पत्र के अनुसार अगर कोई सांसद सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन करता है या किसी भी तरह से सदन की कार्यवाही को रोकने की कोशिश करता है तो उसका एक दिन का वेतन और भत्ता काट लेना चाहिए।
साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि खराब व्यवहार पर आचार संहिता के अनुसार तुरंत कार्रवाई किया जाए।
संसद में हमेशा किसी ना किसी बात को लेकर हंगामा मचा ही रहता है। सरकार का मानना है कि विरोध एक दायरे में रह कर करना चाहिए, इससे संसद की गरिमा बनी रहती है।
सरकार का कहना है कि हंगामे के कारण संसद का वक्त और जनता का पैसा दोनों बर्बाद होता है और इसको रोकने के लिए ही सरकार ये कदम उठा रही है।
वेंकैया नायडू ने संसद के साथ-साथ विधानसभाओं के लिए भी कुछ सुझाव बताए हैं। उन्होंने पत्र में कहा कि 30 विधायकों से कम संख्या वाली विधानसभा कम से कम 40 दिन और 30 से ज्यादा संख्या वाली एसेंबली कम से कम 70 दिन जरूर चले।
भारतीय जनता पार्टी ने जेटली के इस फैसले की सराहना की है, लेकिन विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि जब बीजेपी विपक्ष में थी तब उसे इस तरह की बातों का ख्याल क्यों नहीं आया।
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