झारखंड और जम्मू-कश्मीर में चुनाव तारीखों का ऐलान, 23 दिसंबर को नतीजेझारखंड और जम्मू-कश्मीर में चुनाव तारीखों का ऐलान, 23 दिसंबर को नतीजे
नई दिल्ली. 
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान कर दिया है। दोनों राज्यों में मतदान 5 चरणों में होंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने दिल्ली की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का एलान भी किया है। यहां 25 नवंबर को मतदान होंगे। इसके साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है।
चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस ने मतदान की तारीखों की घोषणा की। इसके मुताबिक, दोनों राज्यों में 25 नवंबर, 2 दिसंबर, 9 दिसंबर, 14 दिसंबर और 20 दिसंबर को मतदान होंगे। जबकि मतगणना 23 दिसंबर को होगी। 

झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 3 जनवरी 2015 को खत्म हो रहा है जबकि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा 19 जनवरी तक है। जम्मू कश्मीर में 72 लाख वोटर्स हैं जिनके लिए 10015 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। वहीं झारखंड में दो करोड़ सात लाख मतदाता हैं, जो 24648 मतदान केंद्रों पर वोट डाल पाएंगे।

अब तक की स्थिति 
जम्मू-कश्मीर में फिलहाल नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास सबसे ज्यादा 28 सीटें हैं। पीडीपी 21 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है और कांग्रेस के पास 17 सीटें हैं। 10 सीटें अन्यों के पास हैं। राज्य में छह साल तक नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार रही।

आरक्षित सीटों की स्थिति
झारखंड में 9 अनुसूचित जाति के लिए और 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसी तरह जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। यहां अनुसूचित जनजाति का आरक्षण नहीं है। 

दिल्ली विधानसभा चुनावों का संकेत नहीं
चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर कोई संकेत नहीं दिया है, बल्कि इसके स्थान पर तीन रिक्त हो चुकी विधानसभा सीटों महरौली, तुगलकाबाद और कृष्णानगर में उपचुनाव की तारीख घोषित की गई है। ये सीटें तीन विधायकों डॉ हर्षवर्धन, प्रवेश वर्मा और रमेश विधूडी के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुईं थी। यह पूछे जाने पर कि जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने की अटकलें लगाई जा रही हैं तो उपचुनाव की क्या जरुरत है, संपत ने कहा कि वह संविधान से बंधे हुए हैं इसलिए उपचुनाव कराए जा रहे हैं। बता दें कि दिल्ली विधानसभा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 3 नवंबर को सुनवाई होनी है, साथ ही उपराज्यपाल नजीब जंग ने भी अपना मत नहीं दिया है।
दोनों राज्यों में कांग्रेस समर्थित सरकारें- 
बता दें की 2008 में जम्‍मू-कश्‍मीर की 87 सीटों के लिए हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। नेशनल कॉन्‍फ्रेंस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। एनसी ने कांग्रेस के समर्थन से राज्‍य में उमर अब्‍दुल्‍ला के नेतृत्‍व में सरकार बनाई। जबकि झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं। 2009 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 18-18 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस की झोली में 13 सीटें आईं और 20 सीटें अन्य को मिलीं। झारखंड में इस समय जेएमएम के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार है, जिसे कांग्रेस का समर्थन हासिल है।

बीजेपी के लिए अहम हैं J&K चुनाव 
घाटी में पहली बार बीजेपी पूरी ताकत से चुनाव में उतर रही है। बाढ़ आने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया था कि उनके लिए घाटी में सरकार बनाना पहला उद्देश्य है। बीजेपी मिशन-44 को मकसद लेकर चल रही है ताकि अपनी सरकार बना सके। दूसरी ओर, इस बार कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी भी अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका फायदा बीजेपी को हो सकता है। उसकी नजर जम्मू और लद्दाख की 37 सीटों पर है। हालांकि
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने राज्य में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उसे 6 सीटों में से तीन पर जीत हासिल हुई है। 87 सीटों वाली मौजूदा विधानसभा में उसके 11 विधायक हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव कार्यक्रम 
पहला चरण- 
29 अक्टूबर को अधिसूचना जारी 
5 नवंबर तक नामांकन करने की तिथि 
25 नवंबर को चुनाव 

दूसरा चरण- 
7 नवंबर को अधिसूचना 
14 नवंबर तक नामांकन 
15 को स्क्रूटनी 
17 नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 
2 दिसंबर को चुनाव

तीसरा चरण- 
14 नवंबर अधिसूचना
21 नवंबर नामांकन की अंतिम दिन 
22 डेट ऑफ स्क्रूटनी 
9 दिसंबर को चुनाव 

चौथा चरण- 
19 नवंबर को अधिसूचना 
26 नवंबर नामांकन का लास्ट डेट
27 नवंबर को स्क्रूटनी
29 नवंबर नाम वापसी का अंतिम दिन 
14 दिसंबर को चुनाव

पांचवां चरण- 
26 नवंबर अधिसूचना 
3 दिसंबर नामांकन का अंतिम दिन 
4 दिसंबर स्क्रूटनी 
6 दिसंबर नाम वापस लेने का अंतिम दिन 
20 दिसंबर को चुनाव

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