आशा, एएनएम व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा संचार एवं परामर्श प्रशिक्षण 
बाड़मेर। 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में महिला स्वास्थ्य कार्मिकों के संवाद एवं परामर्श कौशल सुधारने की नई मुहिम शुरू की गई है। इसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत आशा सहयोगिनी, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आपसी संवाद एवं परामर्श कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उन्हें समझाया और बताया जाएगा कि वे कैसे आपस में बेहतर संवाद कर समन्वय रखें और किस तरह से आमजन को स्वास्थ्य संबंधी उचित परामर्श दें। यह अनूठी पहल पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर जिले के बायतु ब्लाॅक से शुरू की गई है और आगामी दिनों में बायतु खण्ड की महिला कार्मिकों को प्रशिक्षण देने के बाद अन्य ब्लाॅकों की कार्मिकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यही नहीं जल्द ही राज्य के अन्य चार उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
प्रशिक्षण के जिला नोडल अधिकारी सीएमएचओ डाॅ. फूसाराम बिश्नोई ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान और स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसकी शुरूआत कर दी गई है। उन्होेंने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिला कार्मिकों के संचार एवं परामर्श कौशल के स्तर को सुधारना है। कुछेक मामलों में सामने आया है कि कार्मिकों के आपसी समन्वय बेहतर नहीं होने और कार्मिकों के संचार कौशल में कमी होने से कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। चूंकि सभी महिला कार्मिक तकनीकी रूप से प्रशिक्षित होती हैं और अपने-अपने क्षेत्र में पारंगत होती हैं लेकिन संचार कौशल में कमी होने की वजह से कार्य में निखार नहीं आता है। यही कारण है कि ऐसे प्रशिक्षण की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। उन्होंने बताया कि राज्य में यह पहली बार इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें संचार पर विशेष जोर दिया गया है। प्रशिक्षण के लिए राज्यस्तर से जिला आईईसी समन्वयक को प्रशिक्षण का समन्वयक अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रशिक्षण के बाद सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा। दोनों दिवस राज्यस्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। सीएमएचओ डाॅ. बिश्नोई ने बताया कि बायतु में एकबारगी दो बैच में करीब 100 महिला कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया हैं। इस दौरान राज्यस्तर से आईईसी विशेषज्ञ अर्चना सक्सेना एवं एकाउटेंट लवली मौजूद रहीं। प्रशिक्षक के तौर पर राज्यस्तर से प्रशिक्षित जिला आयुष अधिकारी डाॅ. अनिल झा, जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई, जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी, आयुष चिकित्सक डाॅ. सुरेंद्र चैधरी, संगणक भोमाराम चैधरी, आशा सुपरवाईजर जहीर अब्बास व शंभुदयाल और एलएचवी थे्रेसिमा शामिल हैं। ब्लाॅकस्तर से बीसीएमओ डाॅ. सुनील कुमार बिष्ट ने प्रशिक्षण के दौरान सभी कार्मिकों से भविष्य में बेहतरीन समन्वय बनाए रखने और आमजन को उचित परामर्श देने की नसीहत दी। उन्होंने कार्मिकों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें पूर्णतः विश्वास है कि आगामी दो-तीन माह में खण्ड में इस प्रशिक्षण का सकारात्मक परिणाम सामने आएगा और इससे आमजन लाभान्वित होंगे। 

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