सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा, नेता विपक्ष का क्या करेंगे ?
नई दिल्ली।
लोकसभा में नेता विपक्ष के पद को लेकर पैदा हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि नेता विपक्ष का क्या करेंगे? जवाब के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को चार हफ्ते का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद में नेता विपक्ष का पद बेहद अहम होता है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने कहा कि नेता विपक्ष सदन में उन प्रतिनिधियों की आवाज होता है, जो सरकार से अलग होते हैं। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार की रोकथाम के उद्देश्य से लाए गए लोकपाल बिल के अनुसार लोकपाल चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष भी सदस्य होता है।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी का कहना है कि मावलंकर नियम के मुताबिक संसद में नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए 10 फीसदी सीटें जीतनी जरूरी हैं, इसलिए इस लोकपाल कमेटी में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस मामले पर चार हफ्ते में अपनी राय देने के लिए कहा है।
कांग्रेस काफी समय से नेता विपक्ष के पद की मांग कर रही है। इसी सप्ताह लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इसे नामंजूर कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सुमित्रा को पत्र लिखकर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मçल्लकार्जुन खड़गे को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने का आग्रह किया था। कांग्रेस का कहना है कि वह 44 सीटों के साथ सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
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