बाड़मेर आगौर युवक हत्या के प्रकरण का खुलासा
बाड़मेर 
जसदेर नाडी के पीछे, बाड़मेर आगोर में एक चेहरा कुचली हुई लाश मिली थी जिसका अज्ञात लोगो के खिलाफ मुकदम दर्ज किया गया जिसका पुलिस ने तीन दिन में खुलसा करते हुए दो जनो को गिरफतार कर दिया।  
सोमवार की रोज जसदेर नाडी के पीछे, बाड़मेर आगोर में एक चेहरा कुचली हुई अज्ञात लाश  मिली जिसके घटनास्थल को देखने पर उस व्यक्ति की हत्या किया जाने का संदेह हुआ। पुलिस के प्रयासों से मृतक के पहने हुए कमीज पर लगे टेलर के लोगो के आधार पर मृतक की पहचान ओम प्रकाश  के रूप में हुई। मृतक के परिजनों को बुलाकर मृतक के शव को दिखाया गया तो मृतक के पिता हरीराम ने मृतक की पहचान अपने पुत्र ओमप्रकाष पुत्र हरीराम जाति महेष्वरी निवासी बेरीयों का वास, बाड़मेर के रूप में की।
उक्त घटना पर मृतक के चचेरे भाई हितेष कुमार पुत्र नन्दलाल जाति महेष्वरी निवासी बेरीयों का वास, बाड़मेर के रिपोर्ट पर पुलिस थाना बाड़मेर ग्रामीण पर अज्ञात मुलजिमानों द्वारा हत्या करने के संबंध में पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण की सनसनीखेज प्रकृति के मध्यनजर ओम प्रकाष गौतम, पुलिस उप अधीक्षक, वृत बाड़मेर के नेतृत्व में  मिट्ठूलाल, निरीक्षक पुलिस, थानाधिकारी, पुलिस थाना, बाड़मेर ग्रामीण व  आनन्दसिंह, निरीक्षक पुलिस, थानाधिकारी, पुलिस थाना, सदर बाड़मेर एवं इनके स्टाफ का एक विषिष्ठ पुलिस दल गठित कर उक्त अज्ञात हत्या का खुलासा कर अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के निर्देष दिये गये।
प्रकरण के अनुसंधान के दौरान मृतक का जिन लोगों से सम्पर्क अथवा जहां मृतक का आना जाना था, उन सभी से निरन्तर गहन अनुसंधान किया गया। साक्ष्य विष्लेषण में जिला स्तर पर कम्प्यूटर शाखा से तकनीकी सहायता भी ली गई। पुलिस के लगातार समन्वित प्रयासों से आज इस प्रकरण का खुलासा हो गया है।

अब तक के अनुसंधान से यह पता चला है कि मृतक ओम प्रकाष हैण्डीक्राफ्ट का काम करता था और इस कारण से पिछले कुछ वर्षों से यह रमेष कुमार सुथार केे सम्पर्क में था। रमेष कुमार मृतक के लिए मृतक के घर आकर अथवा मृतक के बताए स्थल पर हैण्डीक्राफ्ट का कार्य करता था। रमेष कुमार व मृतक के बीच एक मामूली रकम को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। 
घटना के कुछ दिन पहले रमेष कुमार का बटुआ मृतक के घर पर ऊपर की मंजिल पर रह गया था जिसको नीचे लाकर देने के लिए ओम प्रकाष को कहा मगर ओम प्रकाष के मना करने एवम् रमेष को ऊपर आकर ले जाने को कहा गया तो वापिस उतरते समय रमेष कुमार सिढि़यों से फिसलकर गिर पड़ा व मामूली चोटें आई। इस बात को व रकम के विवाद को लेकर मामूली बोलचाल हो गई व रमेष कुमार ने उसके प्रति शत्रुता पाल ली। रमेष कुमार ने अपने पुराने मित्र महेन्द्रसिंह जो ओम प्रकाष का भी परिचित था, के साथ मिलकर ओम प्रकाष को बदला लेने की योजना बनाई और ओम प्रकाष को किसी महिला से मिलवाकर शादी करवाने का प्रलोभन / झांसा देकर 24. को महेन्द्रसिंह की मोटर साईकिल पर बैठाकर जसदेर नाडी के पीछे शराब व कोल्ड ड्रिंक आदि लेकर गये, जहाॅं मौका मिलते ही सुनसान जगह व छाया देखकर ओम प्रकाष द्वारा कोल्ड डिंªक तथा रमेष कुमार व महेन्द्रसिंह द्वारा शराब का सेवन किया गया और थोड़ा नषा होते ही मौका पाकर घटनास्थल पर पास ही पड़ी एक पुरानी बीयर की बोतल से रमेष कुमार द्वारा वार किया गया जिससे ओम प्रकाष लुढ़क कर गिर गया। बाद में दोनों ने मिलकर पत्थर से वार कर चोटों से चेहरे को भी क्षत विक्षत कर दिया जिससे ओम प्रकाष की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। दोनों ने मृतक की पहचान छिपाने के उद्देष्य से मृतक के चेहरे को पत्थर से कुचलकर कर क्षत विक्षत कर दिया एवम् मंुह पर रेत डाल दी तथा शरीर से पेन्ट उतार ली एवं मोबाईल ले लिया।
इस प्रकरण में पुलिस द्वारा गहन अनुसंधान कर मृतक से संबंधित सभी पहलुओं व पक्षकारों से पूछताछ की तथा वर्तमान परिपे्रक्ष्य में आवष्यक तकनीकी विष्लेषण किया जिसके चलते रमेष कुमार पर संदेह उत्पन्न हुआ। रमेष कुमार से गहन पूछताछ और रमेष कुमार के टालमटोल वाले रवैये से पुलिस का सन्देह और गहरा हुआ जिससे और गहराई से पूछताछ की गई तो उसने महेन्द्रसिंह का नाम बताया। महेन्द्रसिंह को दस्तयाब कर लाया गया तो पाया कि मृतक के जिस समय पुरानी बीयर की बोतल से सिर पर मारी थी, उस समय बीयर की बोतल के मारने एवं टूट जाने से एक कांच का टुकड़ा टूटकर महेन्द्रसिंह के दाहिने गाल पर लग गया था जिससे उसे गहरी चोट लग गई थी तथा ताजे टांके लगे हुए थे। महेन्द्रसिंह से गहन पूछताछ की गई तो उसने रमेष कुमार के साथ मिलकर ओम प्रकाष की हत्या करना स्वीकार किया। घटना में लिप्त अभियुक्तगण के नाम-पते रमेष कुमार पुत्र मोहनलाल उम्र 26 जाति सुथार निवासी रेल्वे कुंआ नं.3, गेहूं रोड़, बाड़मेर व महेन्द्रसिंह पुत्र श्री मुल्तानसिंह उम्र 25 व जाति रावणा राजपूत निवासी सिणधरी रोड़, ग्वारगम फैक्ट्री के पास, बाड़मेर आगोर है।
इस प्रकार पुलिस द्वारा अज्ञात शव मिलने के तीन दिन के भीतर (72 घण्टे) अज्ञात हत्याकाण्ड का खुलासा करने में सफलता प्राप्त की है। प्रकरण में अनुसंधान किया जाकर समस्त घटनाक्रम में उससे संबंधित सभी बातों का सत्यापन किया जा रहा है तथा संबंधित वस्तुओं की बरामदगी के प्रयास जारी है।

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