भाषण से ज्यादा मेरी खामोशी में ताकत : नरेन्द्र मोदी
वाराणसी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राजनैतिक दबाव में काम कर रहा है, इसलिए उन्हें वाराणसी में रैली करने की इजाजत नहीं दी गई। मोदी ने कहा, मुझे नहीं पता की आयोग किसके दबाव में काम कर रहा है। मेरे भाषण देने से क्या दुनिया डूब जाएगी?
वाराणसी के रोहिणिया में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे भाषण से ज्यादा मेरी खामोशी में ताकत है। मैं बनारस में भाषण देने वाला था, लेकिन जो लोग पहले ही मैदान छोड़कर भाग चुके हैं, वे मोदी को बर्दाशत नहीं कर सकते। वे मोदी का चेहरा भी नहीं देख सकते।
उन्होंने कहा, मैं और सभाएं करना चाहता था, लेकिन जो लोग मोदी से डर गए हैं उन्होंने मुझे रोकने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने जो तर्क दिए, वह विश्वास करने लायक नहीं है। उनका तर्क था की सुरक्षा कारणों के चलते मैं रैली को संबोधित नहीं कर सकता।
उन्होंने पूछा, इस जगह से वाराणसी कितना दूर है? 12 किलोमीटर। जब मुझे यहां खतरा नहीं है तो शहर के अंदर कैसे हो सकता है। जब मैं माओवादी इलाकों से लेकर जम्मू कश्मीर गया और मुझे वहां कोई खतरा महसूस नहीं हुआ तो यहां कैसे हो सकता है।
मोदी ने पूछा की क्या बाप-बेटे (मुलायम-अखिलेश) की सरकार एक आदमी को सुरक्षा नहीं दे सकती। यहीं नहीं, उन्होंने मुझे मां गंगा के पास नहीं जाने के लिए भी कहा।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा, जनता ने आपको हरा दिया है, चुनाव आयोग आपको जीत नहीं दिलवा सकता।
उन्होने कहा, मैं शासक नहीं, सेवक बनकर आया हूं। मेरा एजेंडा सिर्फ विकास है। बनारस के लोगों ने सूरत (गुजरात) को सिखाया। वाराणसी का गौरव वापस लाना है। जिस तरह पश्चिम के क्षेत्र विकसित हैं, ठीक उसी तरह यहां को विकसित करना है।
विरोधियों पर निशाना साधते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरों की तरह मैं गालियां देने में वक्त बर्बाद नहीं करना चाहता हूं। पवित्र गंगा नदी के लिए बोलते हुए उन्होंने कहा की वह कैसे मैली हो सकती है। गुजरात में जिस तरह साबरमती को बदला, वैसे ही गंगा को बदलूंगा।
मोदी ने कहा, देश का पूर्वी हिस्सा कमजोर है। पूर्वाचल, ओडिसा, पश्चिम बंगाल और बिहार कमजोर राज्य हैं। इन्हें भी मजबूत राज्य बनाना है। बुनकरों की दशा पर बोलते हुए कहा कि उन्हें और मौके मिलने चाहिएं।
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