देश में तेल उत्पादन में सिरमौर बनेगा थार
बाड़मेर
राजस्थान का थार देश में तेल उत्पादन की दिशा में पहले नंबर की ओर बढ़ रहा है।बाड़मेर में तीन नए तेल भंडारों की खोज के बाद इस संभावना को बल मिला है। देश में अब तक मंुबई हाई रोज सवा दो लाख बैरल तेल उत्पादन के साथ पहले स्थान पर है। पिछले चार वष्ाोंü के दौरान थार दो लाख बैरल के साथ दूसरे स्थान पर आ गया है। अगर यही रफ्तार रही तो थार एक साल में तीन लाख बैरल तेल उत्पादन के साथ पहले नंबर पर आ जाएगा।
तुलनात्मक आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान राजस्थान ने मार्च 2014 में 20 करोड़ बैरल के सकल उत्पादन के साथ प्रतिदिन दो लाख बैरल उत्पादन का स्तर प्राप्त किया है। अब राजस्थान ब्लॉक में पांच नए स्थानों पर तेल उत्पादन की अपार संभावनाओं के संकेत मिले हैं। इसी तरह अब तक खोदे गए 17 में से 14 कुओं में तेल की उपस्थिति के संकेत मिले हैं। अगर यही रफ्तार रही तो थार एक साल में तीन लाख बैरल तेल उत्पादन के साथ पहले नंबर पर आ जाएगा। यह देश के वर्तमान घरेलू तेल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत होगा। साथ ही देश के राजस्व में 30 हजार करोड़ रूपये जोड़ेगा। इस तरह हर साल हमारे देश के तेल आयात बिल में 57 हजार करोड़ रूपये की बचत होगी।
विशेष्ाज्ञों के अनुसार मुंबई हाई अभी प्रतिदिन 2.35 लाख बैरल तेल उत्पादन कर रहा है। जबकि रिलायंस की जामनगर में सबसे बड़ी रिफाइनरी अभी रिफाइन करने का तेल बेचने व गैस उत्पादन मेंं दिलचस्पी ले रही है। ऑयल इंडिया सन 1980 के दशक और ओएनजीसी 1960 के दशक से तेल की खोज में जुटी हुई है। इधर केयर्न व ओएनजीसी को बाड़मेर बेसिन की पूरी संभावना पता लगाने का अवसर मिल रहा है। इस लिहाज से अब अगले दो सालों में राजस्थान ब्लॉक में 6 हजार करोड़ रूपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें से 3 हजार करोड़ अन्वेषण और आकलन के लिए होंगे।
केयर्न इंडिया ने गत वित्तीय वर्ष में 7 करोड़ 60 लाख बैरल का रिकॉर्ड उत्पादन किया। यह भारत के घरेलू तेल उत्पादन का लगभग 30 प्रतिशत है। केयर्न इंडिया के सीईओ पी इलांगो की मानें तो थार में तेज खोज अभियान और नवीनतम छह तेल खोजों के चलते कंपनी के संसाधन आधार में एक अरब बैरल तेल के भंडारों की बढ़ोतरी हुई है।
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