दलित महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का मामला

दलित संगठनों ने बयान की निंदा कर जताया रोष

बाड़मेर, 29 अप्रैल।

योग गुरू बाबा रामदेव द्वारा 25 अप्रैल को अपने एक बयान में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दलित बस्तियों में जाने को लेकर दलित महिलाओं के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी एवं आपत्ति जनक बयान को लेकर बाड़मेर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कार्यालय में इस्तगासा दायर हुआ हैं। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को तय की गई हैं। वहीं बाबा रामदेव के बयान को लेकर मंगलवार को विभिन्न दलित संगठनों ने निंदा करते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की।

मंगलवार को भारमलराम पुत्र महेन्द्राराम मेघवाल निवासी नेहरू नगर बाड़मेर ने मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट के समक्ष एक परिवाद प्रस्तुत करते हुए बताया कि योग गुरू बाबा रामदेव ने अपने एक बयान में कांग्रेस उपाध्यक्ष के दलित बस्तियों के दौरे को लेकर आपति जनक बयान जारी करते हुए दलित महिलाओं के प्रति अभद्र टिप्पणी की। बाबा रामदेव ने कहा था कि राहुल गांधी दलित गांवो मंे हनीमून मनाने जाते हैं। उनकी इस टिप्पणी से पूरे दलित समाज को आघात लगा हैं। उन्होंने इस बयान को लेकर बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्यवाही कर कड़ी सजा दी जाए। भारमलराम के अधिवक्ता नवलकिशोर लीलावत ने बताया कि बाबा रामदेव का दलित महिलाओं को लेकर जारी बयान आईपीसी की धारा 295 एवं 365 के तहत आता हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को निर्धारित की गई हैं।

विभिन्न संगठनों ने रोष जतायाः

वहीं इस संबंध में विभिन्न संगठनों ने बाबा रामदेव के बयान की निंदा की हैं। मेघवाल समाज संस्थान के सचिव भोजाराम मेघवाल ने कहा कि बाबा रामदेव ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर इस तरह का बयान जारी किया हैं। वह राजनीति में शब्दों की मर्यादा भुल गए हैं। जो लोग बाबा को सिर पर चढ़ा सकते हैं वह इस तरह की गलत बयानबाजी करने वालो को उनकी सही स्थिति में भी पहुंचा सकते हैं। एनएसयूआई के अध्यक्ष तोगाराम ने कहा कि बाबा रामदेव का यह बयान साफ जाहिर करता हैं कि उनके दिल में दलितों के प्रति कैसे विचार हैं। इस तरह के बाबाओं को माहौल बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की ओर से त्वरित कार्यवाही नहीं की गई तो दलित समाज उग्र आंदोलन करने से नहीं हिचकेगा।

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