संबोधि धाम में रविवार को सुबह 9.30 बजे होगी श्रद्धांजली सभा
जोधपुर, 
संबोधि धाम की संस्थापिका एवं जैन धर्म की वरिष्ठ साध्वी श्री जितयशा श्री जी महाराज के देवलोकगमन हो जाने पर शनिवार को सुबह 9.30 बजे गाजे-बाजे एवं माताजी महाराज के जयकारों के साथ संबोधि धाम से अंतिम महाप्रयाण यात्रा निकाली गई जो प्रताप नगर होते हुए सिवांची गेट स्वर्गाश्रम पहुँची जहाँ 10.30 बजे उनका अग्नि-संस्कार सम्पन्न हुआ। 
संबोधि धाम के महामंत्री अशोक पारख ने बताया कि महाप्रयाण यात्रा में शरीक होने के लिए देशभर के विविध अंचलों से अलसुबह ही सैकड़ों श्रद्धालु संबोधि धाम पहुँच चुके थे। इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं ने केसर से माताजी महाराज के पार्थिव देह की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने सामूहिक नवकार महामंत्र का जाप करते हुए प्रभु-भक्ति एवं आध्यात्मिक भजन गुनगुनाए। 
इस अवसर पर संत चन्द्रप्रभ, संत ललितप्रभ एवं मुनि शांतिप्रिय सागर ने आत्मशांति प्रदायक धार्मिक-पाठ का उच्चारण किया। इस दौरान संत चन्द्रप्रभ ने कहा कि माताजी महाराज ने जीवनभर धर्म-क्रियाओं का अप्रमत्त भाव से पालन किया। हमें आत्मतोष है कि हमने जो संत-जीवन माता-पिता की सेवा के लिए लिया था, श्रवणकुमार बनकर उसका दायित्व-बोध के साथ पालन किया। हमें नहीं पता कि हमारा अगला जन्म कहाँ होगा या कैसे होगा, पर अगर ऐसा हो तो हमें माँ के रूप में सदा माताजी महाराज ही मिले। 
अंतिम यात्रा में आसाम, छत्तीसगढ़, हैदराबाद, दिल्ली, इंदौर, राजसमंद, नाथद्वारा, जयपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा, अजमेर, बाड़मेर, नागौर, ब्यावर, कोटा, उदयपुर आदि अनेक शहरों से बड़ी संख्या में भक्तगण आए।
श्रद्धांजली-सभा रविवार को - संबोधि धाम में रविवार को प्रात: 9.30 बजे माताजी महाराज के गुणानुवाद के रूप में श्रद्धांजली-सभा आयोजित होगी।

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