जसवंतसिंह को क्यों कहना पडा, "मै बिकाऊ नहीं हूँ"
* आनंद एम. वासु *
जैसलमेर, 22 मार्च / क्या जसवंतसिंह मान जायेंगे ? इस प्रश्न को जीवित रखने के लिए शनिवार को जैसलमेर भाजपा विधायक छोटूसिंह भाटी व जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह हमीरा के द्वारा भाजपा कार्यालय के प्रांगण में ही एक प्रेस कांफ्रेस का आयोजन कर कहा गया कि, टिकट न मिलने पर नाराजगी स्वाभाविक है तथा उसी के चलते कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय में अपना विरोध दर्ज करवाया है लेकिन, हमें विश्वास है कि हम जसवंतसिंह के साथ ही उन पार्टी कार्यकर्ताओं को मनवा लेगें तथा आगामी 25 मार्च को सोनाराम चौधरी के पर्चा दाखिल के समय वहां स्वयं जसवंतसिंह को साथ करने का हमे विश्वास हैं। मतलब 24 तक प्रश्न जीवित है क्यों कि खबर अनुसार 24 तारीख को जसवंतसिंह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना पर्चा दाखिल कर सकते है। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि पता चल जाएगा कि कि असली भाजपा और नकली भाजपा कौन है। इस प्रकार के तेवर देखते हुए नहीं लगता कि वे मान जायेंगे।
लेकिन नया प्रश्न यह है कि, आखिर जैसलमेर विधायक यह किस आधार पर कह रहे है ?, कि वे जसवंतसिंह को मना लेंगे और आगामी 25 मार्च को सोनाराम चौधरी के पर्चा दाखिल के समय वहां स्वयं जसवंतसिंह को साथ करने का हमे विश्वास दिलाया है। इस प्रश्न का स्पष्ट जवाब प्रेस कांफ्रेंस के मार्फ़त बाहर नहीं आ सका है।
केंद्रीय नेतृत्व बार-बार कह रहा है कि जसवंतसिंह को पूरा मान और सम्मान दिया जाएगा। युद्ध स्तर पर किसी भी तरीके से उन्हें मनवाने की कोशिशे हालांकि जारी है। इस दौरान, उन्हें मनवाने का फार्मूला भी खबरों से स्पष्ट होने लगा। अंत तक उन्हें, हर संभव पूरे मान-सम्मान से मनाया जाएगा फिर शायद पार्टी उनके रूख को देखकर कोई फैसला ले सकती है।
बाड़मेर सीट पर घमासान के दौरान खबरें हैं कि जसवंतसिंह पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है। उन्हें मनवाने की खबरे और सरगर्मियां है, लेकिन इस दौरान जसवंतसिंह को यह क्यों कहना पडा कि, मै बिकाऊ नहीं हूँ। " एक टीवी चैनल में यह खबर रही है। अब ये प्रश्न उत्तर मांगते है, जसवंतसिंह को किसने और किस प्रकार खरीदना चाहा कि उनको कहना पडा कि "मै बिकाऊ नहीं हूँ। " उधर खबर अनुसार अरूण जेटली द्वारा जसवंतसिंह के लिए उपराष्ट्रपति और उनके पुत्र विधायक के लिए राजस्थान सरकार में कैबिनेट में स्थान देने के संकेत दिए है। इसलिए उनके बिकाऊ वाले बयान पर असमंजस बरकरार है, कि आखिर उनको कैसे खरीदा जा रहा है।

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