सत्ता के "फाइनल" में मोदी को नहीं मिलेगा संघ का साथ?
नई दिल्ली।
16वीं लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का साथ नहीं मिलेगा?
यह सवाल इसलिए क्योंकि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों से कहा है कि भाजपा के लिए काम करते समय उनको अपनी मार्यादाएं नहीं लांघनी चाहिए। उनको किसी भी व्यक्ति विशेष को लेकर चलाए जा रहे अभियान से दूरी बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे राजनीति में नहीं हैं। उनका काम "नमो नमो" करना नहीं है। उनको अपने लक्ष्य के लिए काम करना है। भागवत ने संघ के प्रतिनिधि सभा के संबोधन में ये बातें कही। उस समय वहां भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी वहां मौजूद थे।
एक स्वयंसेवक ने पूछा कि क्या आरएसएस की भूमिका भाजपा के लिए वैसी ही है जैसे चाणक्य की भूमिका चंद्रगुप्त मौर्य के लिए थी। इस पर संघ प्रमुख ने कहा कि वर्तमान समय में अलग काम करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "हमारी मर्यादा है। हमें अपनी मर्यादा नहीं तोड़नी है।" भाजपा को सत्ता मे लाने के संघ के प्रयासों पर उन्होंने कहा कि सवाल ये नहीं है कि सत्ता मेे कौन आना चाहिए। बड़ा सवाल ये है कि कौन नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव में भाजपा के लिए काम करते समय स्वयंसेवकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे किसी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा नहीं हैं।

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