आज होली दहन,कल बरसेगा रंग
जयपुर।
होली का पर्व रविवार को उमंग और उल्लास से मनाया जाएगा। चौराहों पर गोधूलीबेला में शाम 6.32 बजे होलिका दहन किया जाएगा। अगले दिन सोमवार को धुलंडी पर गुलाबी शहर में प्रेम और स्नेह के रंग बरसेंगे। जाति-वर्ग का भेद भूलकर लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर खुशी बांटेंगे। वहीं, सड़कों पर मस्तानों की टोलियां ढोल-नगाड़ों की धुनों पर हुल्लड़ मचाते हुए दिखाई देंगे। घरों में भी पकवानों की खुशबू महकेगी। मंदिरों में लोग ठंडाई का आनंद लेंगे।
भक्तों संग होली खेलेंगे गोविंद
शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में रविवार को होली के रंग बिखरेंगे। भगवान गोविंददेव और राधाजी के हाथ में सोने की पिचकारी होगी। मंदिर जगमोहन से भक्तों पर गुलाल व पिचकारी से रंगों की वर्षा की जाएगी। चांदनी चौक स्थित मंदिरश्री आनंदकृष्ण बिहारीजी, चौड़ा रास्ता स्थित मंदिरश्री राधादामोदरजी व बड़ी चौपड़ स्थित मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण (बाईजी) मेंं विशेष झांकी सजेगी।
प्रतिपदा से गणगौर पूजन शुरू
अखंड सुहाग की कामना एवं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए महिलाएं व कुंआरी कन्याएं 17 मार्च से पार्वती के स्वरूप गणगौर की पूजा करेगी। इस दिन से महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के साथ-साथ उन्नति की कामना को लेकर शिव के रूप में ईश व माता पार्वती के रूप में गणगौर की पूजा कर 16 दिन तक देवी को मनाएगी। गणगौर का पर्व 2 अप्रेल को मनाया जाएगा। इससे एक दिन पूर्व 1 अप्रेल को सिंजारा होगा। गणगौर में 16 दिन तक 16 देवियों की पूजा होगी। इस बीच 23 मार्च को रांधापुआ और 24 मार्च को शीतलाष्टमी (बास्योड़ा) का त्योहार मनाया जाएगा।
मौसम भी निभाएगा साथ
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन मौसम साफ रहने व दिन और रात के तापमान में एक-दो डिग्री की वृद्धि की संभावना है। इसलिए राजधानी के साथ-साथ प्रदेशवासी जमकर होली खेल सकते हैं। हालांकि गंगानगर शहर में बादल छा सकते है। उधर, शहर में शनिवार को मौसम साफ रहा। दिन का तापमान 2.7 डिग्री उछाल के साथ 32.8 डिग्री हो गया। वहीं रात में भी पारा चढ़ने लगा है। न्यूनतम पारा 4.6 डिग्री उछलकर 17.6 डिग्री हो गया। सभी शहरों का दिन का तापमान 2 से 3.8 डिग्री तक उछाल पर रहा। वहीं रात का पारा 0.2 से 5.7 डिग्री बढ़ा।
राज्यपाल, सीएम की शुभकामनाएं
होली पर्व पर राज्यपाल माग्रेüट आल्वा, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
खरीददारी परवान पर
होलिका पूजन के लिए चारदीवारी व बाहरी इलाकों के बाजारों में बडकूलें, फूले-पताशें, दंगी खरीदने के लिए खासी भीड़ रही। वहीं बच्चे, युवा और बुजूर्ग रंग, पिचकारी और गुलाल खरीदने में व्यस्त नजर आए। इस दौरान बाजारों में वाहन रेंग-रेंगकर चलते रहे।
खुशबूदार कॉस्मेटिक रंग
उम्र व वर्ग के अनुसार भी रंग बिक रहे हैं। महिलाएं कॉस्मेटिक रंग खरीद रही है, वहीं बच्चों को फाइव स्टार, सेवन स्टार और टेन स्टार के रंग आकर्षित कर रहे हैं।
शुभ मुहूर्त : शाम 6.32 से 6.44 बजे
होलिका का दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा पर रविवार शाम 6.32 से 6.44 बजे के बीच गोधूली बेला और सर्वार्थसिद्धि योग में।
होलिका दहन के दिन सवार्थसिद्धि योग के साथ उच्च राशि तुला में शनि भ्रमण होगा।
भद्रा 15 मार्च को रात्रि 9.20 से शुरू होकर 16 मार्च को सुबह 10.03 बजे तक रहेगी।
धुलण्ड़ी सोमवार को।
(ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार)
होली अलर्ट
रंगों की होली खेलने से पहले शरीर पर तेल लगाएं।
आंखों और दांतों पर न खुद किसी के रंग लगाएं, न दूसरों को लगाने दें।
गहरे और केमिकल युक्त रंगों के बजाय गुलाल से ही होली खेलें।
त्वचा को सख्ती से रगड़ने से नुकसान होता है। (त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश माथुर व नेत्र रोग विशेष्ाज्ञ डॉ. किशोर की सलाह)
पर्यटन विभाग नहीं मनाएगा होली उत्सव
पर्यटन विभाग की ओर से इस बार होली महोत्सव का आयोजन नहीं किया जाएगा। इससे दो दशक पुरानी परम्परा टूटने के साथ ही हजारों पर्यटकों की होली उत्सव देखने की हसरत मन में ही रह जाएगी। जबकि पर्यटन विभाग पिछले साल ही ब्रोशर छापकर पर्यटकों को होली महोत्सव की सूचना दे चुका है। ऎसे में अब विभिन्न गाइड एसोसिएशनों के सामने पर्यटकों को होली महोत्सव दिखाने की समस्या खड़ी हो गई। जानकारों के अनुसार पिछले साल भी पर्यटन विभाग ने हाथी महोत्सव नहीं मनाया था, लेकिन होली महोत्सव के अन्तर्गत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर विदेशी पावणों को राजस्थानी होली से सराबोर कर दिया था। इस बार होली महोत्सव को रद्द करने से विदेशी पर्यटक मायूस होंगे। जयपुर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन सिंह राजपुरा का कहना है कि पर्यटन विभाग को सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने चाहिए। आयोजन नहीं कराने से पर्यटन उद्योग पर विपरीत असर पड़ेगा।
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