जसवंतसिंह 24 को दाखिल कर सकते नामाकन!
नई दिल्ली।
बीजेपी ने वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह बाड़मेर से कर्नल सोनाराम पार्टी के उम्मीदवार होंगे। जसवंत सिंह काफी अरसे से बाड़मेर से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। यहां तक कि उन्होंने पार्टी छोड़ने की भी धमकी दी थी और अब टिकट कटने के बाद वो बगावत पर उतर आए हैं।
जसवंत सिंह 23 तारीख को बाड़मेर जाएंगे और 24 तारीख को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पर्चा दाखिल करेंगे। जसवंत ने पहले भी कहा था कि ये उनका आखिरी लोकसभा चुनाव है और इसे वो अपने घर यानी बाड़मेर से ही लड़ेंगे। दूसरी ओर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस सीट पर कर्नल सोनाराम को टिकट दिलाना चाहती थीं। बाड़मेर से कांग्रेस के नेता कर्नल सोनाराम को कुछ दिन पहले ही वसुंधरा राजे ने दिल्ली में बीजेपी में शामिल किया था।
आज पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो इस मुद्दे पर वसुंधरा की ही सुनेगी और जसवंत की धमकी के सामने नहीं झुकेगी। पार्टी ने बाड़मेर से कर्नल सोनाराम का टिकट फाइनल कर दिया है। बाड़मेर में जसवंत सिंह के घर पर बीजेपी के समर्थकों का जमावड़ा लगा है। उनके विधायक बेटे मानवेंद्र समर्थकों के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। समर्थकों ने चेताया भी था कि अगर जसवंत की जगह किसी ओर को टिकट दिया तो वे पार्टी से सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।
महत्वपूर्ण बात ये है कि जसवंत का टिकट बाड़मेर से फाइनल माना जा रहा था। इस सीट से पार्टी में कोई और दावेदार नहीं था। स्थानीय इकाई और पार्टी की प्रदेश इकाई ने भी जसवंत के नाम की ही सिफारिश की थी। लेकिन तीन दिन पहले अचानक वसुंधरा राजे ने वहां से मौजूदा कांग्रेस सांसद सोनाराम चौधरी को बीजेपी में शामिल कराया और उन्हें वहां से टिकट दिलाने पर अड़ गईं। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी चुनाव से पहले वसुंधरा को राज्य में खुली छूट देना चाहता है क्योंकि वसुंधरा ने हाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी को राज्य में क्लीन स्वीप कराया था। सोनाराम चौधरी के जरिए बीजेपी के राजस्थान के जाट वोटों पर नजर है। यही वजह है कि तीन दिन पहले पार्टी में आया नेता जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता पर भारी पड़ा।
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